लेखक की कलम से
फरियादी …
मैं रोता हूं, रुलाता हूं,
मैं फरियादी कहलाता हूं,
मैं आपबीती आपको सुनाता हूं,
मैं सोया नहीं, तुमको जगाता हूं!!
मैं आपबीती आपको सुनाता हूं,
मैं फरियादी हूं बेचारा हूं,
मेरा कोई नहीं, मैं हारा हूं,
मैं मंदिर में भी,
मैं मंत्री के पीछे,
मैं कानून के नीचे…
कोई तो सुने हाल मेरा,
अखबार बैठा है आंखें मिचे!!
मैं रोज गुहार लगाता हूं,
मैं नित रोता हूं, रुलाता हूं,
मैं फरियादी कहलाता हूं…
मैं फरियादी कहलाता हूं…
मुझे लालच दो, मैं बिक जाता हूं,
मुझे बोलो:~
इंसाफ मिलेगा
इंसाफ मिलेगा
इंसाफ मिलेगा…
©सब्बी अंसारी, भागलपुर, बिहार