लेखक की कलम से

करवाचौथ महिलाओं का एक त्योहार …

 

सुहागनों का फिर एक त्यौहार आया है,

जिसका नाम करवाचौथ बताया है।

हर एक सुहागन ने मेहंदी से,

आपने पिया का नाम लिखवाया है।।

 

सुबह से काम में व्यस्त होने लग जाती हैं,

सज सबर के ये कुछ अलग अंदाज़ में आतीं हैं।

एक नई खुशी, नया पल को ये हर साल जीतिं है,

अपने पति की लम्बी आयु की दुआ रब से करतीं हैं।।

 

समय समय पर खाने वालीं भी भूखी रहतीं हैं,

रहे सलामत उनका पिया बस यही कामना करती हैं।

तरह – तरह का पकवान बनाने में इनका दिन गुजर जाता है,

फिर रात होते से ही इनको वो चांद नजर आता है।।

 

देकर अर्ग उस चांद को शीश अपना झुकती हैं,

छलनी में पिया को देख फूली नहीं समाती हैं।

पति अपना फर्ज़ निभा कर पानी इन्हें पिलाते हैं,

मुंह मीठा करा एक – दूसरे का भोजन की तरफ जाते है।।

 

होता है कुछ ऐसा येे त्यौहार,

जो साल में एक बार आता है।

दीपावली के ग्यारह दिन पहले,

इसे मनाया जाता है।।….

 

©सुरभि शर्मा, शिवपुरी, मध्य प्रदेश

 

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