लेखक की कलम से
तुम्हारा स्वागत है…
हे नव वर्ष ! तुम्हारा स्वागत!
नई उमंगें ,नव उल्लास
खुशियां फैलें करें उजास
नये वर्ष के प्रथम प्रभात.
नई किरण लेकर तुम आओ
नया दिवाकर एक जलाओ
दसों दिशाएं रौशन कर दो
दिगदिगन्त तक रहे प्रकाश
हे नव वर्ष !तुम्हारा स्वागत!
दो सबको अच्छी सौगात
हर चेहरा खुशहाल रहे
उन्नत सबका भाल रहे
चिंता मुक्त रहे जग सारा
ऐसा पूरा साल रहे..
सबके लिए सुनहरा कल हो
कर्म करें वैसा प्रतिफल हो
बांहों में आनंद स्वर्ग का
सुखमय आँगन का हर पल हो
हे नव वर्ष!
सबको दो ऐसा उपहार
करें तुम्हारा सब सत्कार..
©दिलबाग राज, बिल्हा, छत्तीसगढ़