मध्य प्रदेश

अनोखा विवाह: गाजे-बाजे के साथ आज बारात लेकर पहुंचेगा ‘नारायण’ अपनी दुल्हनियां ‘लक्ष्मी’ से ब्याह रचाने

एमपी के खरगोन में  बछिया और बछड़े के विवाह में एक हजार लोगों को दिया आमंत्रण, लगभग 4 लाख रुपए किए खर्च

खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के प्रेमनगर में हो रही एक अनोखी शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी को लेकर न केवल परिवार, बल्कि समूचे गांव में भारी उत्साह है। मेहंदी की रस्म.. हल्दी का शगुन..घराती-बरातियों का भोजन। गणेश पूजन के साथ मंडप प्रतिष्ठा और अग्नि के सात फेरे। सब कुछ वैसा ही जैसा एक आम परिवार में विवाह के आयोजन में होता है। लेकिन, इस आयोजन में खास और अनोखी बात यह है कि ये कोई इंसान का नहीं, बल्कि पशु का विवाह है। जी हां, यहां एक बछड़े और बछिया का विवाह समारोह धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है।

दोनों परिवार ने बेटे-बेटी की तरह पाला है नारायण और लक्ष्मी को

दरअसल, यहां एक पेंशनर महिला द्वारा बेटे की तरह पाले गए बछड़े नारायण और एक नि:संतान मजदूर मुकेश दिवाले की बछिया लक्ष्मी की शादी की जा रही है। यह मांगलिक आयोजन केवल औपचारिकता भर नहीं है, बल्कि इसमें वे सभी रस्में निभाई जा रही हैं, जो एक आम विवाह समारोह में होती हैं। प्रेमनगर के मुकेश दिवाले के अनुसार उनकी खुद की कोई संतान नहीं है। वह मजदूरी करते हैं। उनके पास गायें भी हैं। इसमें से एक बछिया को वे बेटी की तरह पाल रहे हैं, जिसका कि लक्ष्मी नाम रखा है। उन्होंने कहा कि सनातनी संस्कृति में गाय को माता का दर्जा है। हम गोपालक परिवार हैं। कन्यादान, गोदान को सबसे बड़ा दान माना है, उसी का अनुसरण कर लक्ष्मी का विवाह गांव के ज्योति लिमये के बछड़े नारायण से तय किया।

पेंशनर विधवा महिला ने बेटे ‘नारायण’ की शादी में लगा दी पूरे जीवन की जमापूंजी

मुकेश ने बताया कि लक्ष्मी की शादी गांव में ही एक पेंशनर महिला ज्योति लिमये जी के बछड़े नारायण से की जा रही है। उनकी भी कोई संतान नहीं है और उन्होंने भी अपने बछड़े को बेटे की तरह पाला है। ज्योति लिमये ने बताया कि वह विधवा हैं और पति की पेंशन से भरण पोषण करती हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका विवाह हो चुका है, कोई बेटा नहीं है। उन्होंने बछड़े नारायण को ही बेटा माना है और उसे बेटे की तरह पाला है। अब उसकी शादी करने जा रही हैं। बेटे की तरह शादी करने के लिए उन्होंने अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर दी।

हल्दी, गणेश पूजा, मंडप की रस्में निभाईं, आज धूमधाम से बारात लेकर जाएगा नारायण

ज्योति लिमये ने बताया, उनके पति का 2021 में निधन हुआ। बेटा न होने से बछड़े नारायण को ही बेटा मानकर पाला है। सभी रिश्तेदारों के साथ उनकी बेटी-दामाद भी उसके विवाह में शामिल होने आए हैं। मंगलवार को दोनों परिवारों में हल्दी, गणेश पूजा, मंडप की परंपरा निभाई गई। मंगल गीत के साथ महिला संगीत भी हुआ। मंगलवार को ही लिमये परिवार ने भोज भी रखा। इसमें 800 से अधिक लोग शामिल हुए। अब आज बुधवार को दिवाले परिवार के घर डीजे, ढोल-ताशे के साथ नारायण की बारात लेकर जाएंगे।

दोनों परिवारों ने बांटे एक हजार आमंत्रण पत्र

दिवाले और लिमये परिवार में तीन दिन की शादी का आयोजन हो रहा है। इसके लिए एक हजार आमंत्रण कार्ड छपवाए गए। मंगलवार को गणेश पूजन, हल्दी, मंडप की परंपरा निभाई गई। लड़की पक्ष के मुकेश दिवाले ने बताया बुधवार को बारात आएगी। इस दौरान लगन और फेरे कराए जाएंगे। कन्यादान कर दहेज भी देंगे। समारोह में बारातियों सहित करीब एक हजार मेहमानों के भोजन की व्यवस्था की गई है। दिवाले परिवार के बेटे नारायण की शादी में सभी रिश्तेदार और गांव के लोगों को आमंत्रित किया गया है।

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