मध्य प्रदेश

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, शिवराज के मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को दिया इससे बड़ा चैलेंज

कांग्रेस ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र सौंपा, 19 दिसंबर से शुरू होगा शीतकालीन सत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार 19 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। 23 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस के सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को दी है। कांग्रेस इसके बाद सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है। सत्र के लिए 18 दिसंबर को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी।

पीसी शर्मा, कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में संबंधित पत्र सौंपा है। पीसी शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री इस पर चर्चा कराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो साल से जिस तरह से बीजेपी की सरकार चल रही और कैबिनेट काम कर रहा है। पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, महंगाई, खाद की किल्लत, कर्मचारी अपने मांगों को लेकर सरकार से परेशान है। कांग्रेस इन मुदों पर अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से उत्तर मांगेगी। पीसी शर्मा ने कहा कि 18 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। जिसे 19 दिसंबर को सदन में रखा जाएगा।

इससे कुछ दिन पहले से ही कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी। लेकिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्तता के कारण कांग्रेस सरकार के खिलाफ पूरे तथ्य एकत्र नहीं कर पाई थी। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने भी कहा था कि हमने पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी थी। लेकिन, शीतकालीन सत्र पांच दिन ही बुलाया जा रहा है। सरकार चाहती ही नहीं है कि उसकी असफलताओं पर चर्चा हो सके। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का प्रयास है कि अविश्वास प्रस्ताव शीतकालीन सत्र में ही प्रस्तुत किया जाए। यदि ऐसा नहीं हो सका तो फरवरी-मार्च 2023 में होने वाले बजट सत्र में इसे लाया जाएगा। कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव में जिन मुद्दों को शामिल करेगी, उसके लिए पुस्तिका भी छपवाई जा रही है।

गाेविंद सिंह, नेता प्रतिपक्ष

कई मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह कहते हैं कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। इसके विरुद्ध एक नहीं अनेक मामले हैं। कांग्रेस युवाओं के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी। वहीं, निर्माण कार्यों में अनियमितता से लेकर कर्मचारियों के साथ भी अन्याय हो रहा है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, किसानों की कर्ज माफी में मनमानी, ओबीसी वर्ग को अब तक 27 फीसदी आरक्षण नहीं मिला है। अनूसूचित जाति-जनजाति के व्यक्तियों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके अलावा प्रदेश में बहुचर्चित ई-टेंडरिंग मामला हो या फिर पूरक पोषण आहार की गड़बड़ी सबके सामने है। भ्रष्टाचार में घिरे अधिकारी, कर्मचारियों की अभियोजन स्वीकृति न देना जैसे ढेरों मुद्दे हैं। सरकार सदन में जवाब देने से बचना चाहती है, जितनी अवधि का सत्र बुलाया जाता है उतना ही नहीं चलाया जाता है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए समय चाहिए, लेकिन शीतकालीन सत्र की अवधि कम कर दी गई है।

चुनावी सीजन में कांग्रेस का दांव

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 1 साल से भी कम का समय बचा है। ऐसे में कांग्रेसी अब हर मुद्दे को भुनाने के मूड में है। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हो रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस सत्र को भुनाने का मन बना चुका है। ऐसे में कांग्रेस, भाजपा सरकार को कई मुद्दों को लेकर घेर सकती है। अविश्वास प्रस्ताव इसी की बानगी है।

विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मप्र

मंत्री विश्‍वास सारंग ने नेता प्रतिपक्ष को दी चुनौती

दूसरी ओर, शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की तैयारी को लेकर एमपी के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग ने नेता प्रतिपक्ष को चुनौती दे डाली है। उन्होंने कहा है कि पहले वे अपने कांग्रेस विधायक दल के विश्‍वास मत में पास हो जाएं। मंत्री सारंग ने कहा कि क्‍या कांग्रेस का विधायक दल उन्‍हें नेता मानता है। उन्‍होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि वे पहले अपने विधायक दल में विश्‍वास प्रस्‍तुत करें, वे उसमें फेल हो जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि आप सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव ला रहे हैं तो आपको भी 15 महीने का हिसाब-किताब देना पड़ेगा, जब आप मध्‍य प्रदेश में सरकार में थे।

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