छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर में वेदर सिस्टम मशीन नहीं, बिलासपुर एयरपोर्ट में साल भर से पड़ी है वेदर सिस्टम मशीन, तीसरे दिन भी फ्लाइट कैंसिल ….

बिलासपुर । बीते तीन दिन से मौमस के करवट बदलने का असर बिलासपुर में हवाई सुविधाओं पर पड़ा है। मंगलवार से बिलासपुर सहित प्रदेश भर में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है। सुबह से ही हर तफर घना कोहरा छाया हुआ है। वहीं, दोपहर में भी सूर्य देव का दर्शन दुर्लभ हो गया है। जिले के अधिकतम तापमान में 10 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। दो दिन पहले मंगलवार को जहां बिलासपुर का अधिकतम तापमान 30 डिग्री रहा तो वहीं बुधवार को अधिकतम तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया।

बिलासपुर एयरपोर्ट सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है, जिसके चलते यहां फ्लाइट उतरने में आए दिन दिक्कत हो रही है। पिछले तीन दिन से मौसम बदलने के कारण यहां फ्लाइट लैंड नहीं कर पा रही है। गुरुवार को भी कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट कैंसिल कर दी गई। दरअसल, एयरपोर्ट में वेदर सिस्टम मशीन एक साल पड़ी है, जिसे अनुमति नहीं मिलने के कारण इंस्टाल नहीं किया जा सका है। वहीं, अभी तक यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा भी नहीं मिल पाई है।

वैसे चकरभाठा स्थित बिलासा एयरपोर्ट में मौसम की खराबी की वजह से फ्लाइट कैंसिल होने की समस्या नई नहीं है। दरअसल, एयरपोर्ट में मौसम की सटीक जानकारी जुटाने के लिए मौसम विभाग की ओर से एयरपोर्ट में रनवे के पास 10 फीट ऊंचा टावर और सेंसर लगाया जाना है। इससे मौसम की जानकारी मिल सकेगी। लेकिन, इसके अभाव में पिछले तीन दिन से फ्लाइट कैंसिल हो रही है। मंगलवार को भी प्रयागराज और जबलपुर की फ्लाइट को रायपुर डायवर्ट करना पड़ा था। वहीं, बुधवार को कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण इंदौर, जबलपुर और प्रयागराज की फ्लाइट को रद्द करना पड़ा। इसी तरह गुरुवार को भी प्रयागराज से आने वाली फ्लाइट को रद्द करना पड़ा।

एयरपोर्ट को लेकर अधिकारियों की उदासीनता लगातार सामने आ रही है। एयरपोर्ट में मौसम की सटीक जानकारी जुटाने के लिए मौसम विभाग की ओर से एयरपोर्ट में रनवे के पास 10 फीट ऊंचा टावर और सेंसर लगाया जाना है, इसे डिजिटल करंट वेदर इंफॉर्मेशन सिस्टम कहते हैं। यह मशीन पिछले 9 माह से बिलासा एयरपोर्ट पर रखी गई है, लेकिन अनुमति के अभाव में अब मौसम विभाग इसका इंस्टालेशन नहीं करा सका है।

दरअसल इसे लगाने के लिए राज्य सरकार और DGCA की अनुमति की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने मशीन लगाने के लिए दो माह पहले ही अनुमति दी है। मगर DGCA से अनुमति नहीं मिल पाई है। इसकी वजह से मशीन नहीं लग सकी है। मशीन के अभाव में अभी भी फ्लाइट के लैंडिंग और टेकऑफ से पहले मैनुवल तरीके से ही मौसम की जानकारी ली जाती है , जबकि मशीन के द्वारा यह सभी सूचनाएं ऑटोमेटिक जनरेट हो सकती है।

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