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मरीज को लीडलेस पेसमेकर लगाकर दिया जीवनदान, रामकृष्ण केयर अस्पताल के डॉक्टरों का कमाल….

रायपुर. रामकृष्ण हॉस्पिटल की निगरानी में पेशेंट को लीडलेस पेसमेकर लगाया गया. जैसे-जैसे लोगों को इसकी जानकारी होगी और उपयोगिता समझ में आएगी अधिकाधिक लोग इसका लाभ लेने लगेंगे. वैसे देखा जाए तो आम लोगों को पेस मेकर की जरूरत क्यों पड़ती है जब किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन काफी धीमी गति से हैं. जिसे ब्रेडीकार्डिया कहा जाता है या धड़कन रुक जाने की स्थिति में बेहोशी या बेहोशी के लक्षण पैदा होते हैं. कुछ मामलों में पेसमेकर का उपयोग बहुत तेज (टैचीकार्डिया) या अनियमित दिल की धड़कन को रोकने या उसका इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है. लेकिन अब इसकी जगह लीडलेस पेसमेकर को ज्यादा सुविधाजनक माना जाने लगा है.

राजधानी में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रामकृष्ण केयर अस्पताल ने एक बार फिर अपनी आधुनिक सुविधाओं के मदद से एक व्यक्ति की न सिर्फ जान बचाई बल्कि दो दिनों के भीतर ही पेशेंट को डिस्चार्ज भी कर दिया. रामकृष्ण केयर के डॉक्टरों ने सामान्य पेसमेकर की जगह लीडलेस पेसमेकर का उपयोग किया है. पिछले दिनों रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने ऐसे ही एक पेशेंट में इसका उपयोग किया और पेशेंट को महज 2 दिनों में ही बिना किसी परेशानी की छुट्टी दे दी गई. यह इम्पलांट बिना तार के आता है और इसके लिए सर्जिकल पॉकेट की आवश्यकता नहीं होती है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जावेद अली खान ने बताया जैसे-जैसे लोगों को इसकी जानकारी होगी और उपयोगिता समझ में आएगी ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ लेने लगेंगे.

कंसलटेंट कार्डियोलॉजी डॉक्टर प्रणब जैन बताते हैं कि व्यक्ति को पेसमेकर की आवश्यकता है. तब पड़ती है जब ऐसे लक्षण जैसे अत्यधिक थकान, चक्कर आना, दिल की धड़कन या फडफडाहट की अनुभूति, बाहों और पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी, सांस की तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई या सीने में दर्द, अस्पष्ट बेहोशी, मानसिक भ्रम की स्थिति, पल्स रेट 90 से कम हो जाना.

पेसमेकर इंसर्शन एक छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रत्यारोपण है, जिसे आमतौर पर हृदय की धीमी प्रवाहित धड़कन समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए छाती में (कॉलरबोन के ठीक नीचे) रखा जाता है. यह सुनिश्चित करने के लिए पेसमेकर लगाने की सिफारिश की जा सकती है कि दिल की धड़कन खतरनाक रूप से कम दर तक धीमी न हो जाए.

लीडलेस पेसमेकर एक छोटा उपकरण है जिसे प्रदाता एक नस के माध्यम से आपके (जिसको आवश्यकता है) हृदय में प्रत्यारोपित करता है. लेकिन पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में अपनी त्वचा के नीचे एक अलग बैटरी या आपके हृदय तक जाने वाले लीड की आवश्यकता नहीं होती है. लीडलेस पेसमेकर से मिलने वाले सिग्नल आपके दिल की धड़कन को सामान्य रूप से बनाए रखते हैं.

लीडलेस पेसमेकर का प्राथमिक लाभ या बेहतरी कहें ट्रांसवेनस पेसमेकर और लीड से जुड़ी कई जटिलताओं का उन्मूलन है. जैसे पॉकेट संक्रमण, हेमेटोमा, लीड डिस्लोजमेंट और लीड फ्रैक्चर लीडलेस पेसमेकर में कॉस्मेटिक अपील भी होती है. क्योंकि इसमें छाती पर कोई चीरा या दिखाई देने वाला पेसमेकर पॉकेट नहीं होता है. यह पारंपरिक पेसमेकर से 90 प्रश छोटा है. मरीजों की छाती में पारंपरिक पेसमेकर की तरह कोई चीरा, निशान या उभार नहीं होता है, क्योंकि सीसा रहित पेसमेकर को हृदय में तारों के प्रत्यारोपण की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए कम जटिलताएँ होती हैं और सूक्ष्म ऑपरेशन होते हैं.

रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे जो 30 वर्षो से अधिक अनुभवी और कुशल सर्जन के रूप मे प्रतिष्ठित हैं रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल को, अपने परिश्रम व प्रयासों से श्रेष्ठ हॉस्पिटल का दर्जा प्राप्त करने में समर्पित ढंग से जुटे रहते हैं एवं इस तरह की नये-नये तकनीक लोगों के लिये प्रदर्शित करते रहते हैं.

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