लेखक की कलम से

कलम …

हाथ में आकर मेरे

लिख देती है कलम

जीवन के सुंदरतम

खट्टे -मीठे पल

      कई बार कलम होकर

      मैं लिख लेती कोई सच

      कलम-शमशीर से लड़ती

      मानवता के युद्ध

कह देती मेरी कलम

दिल के राज़ पन्नों से

पन्ने सँभाल कर रखेंगे

युगों तक मेरी कहानी

     कलम तुमसे एक गुज़ारिश

     सदा रहना तुम तटस्थ

     तुम्हारे लिखे इतिहास में

     तुम पर कोई दाग न हो

©डॉ. दलजीत कौर, चंडीगढ़                

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