मध्य प्रदेश

ऑर्डनेस फैक्ट्री खमरिया में ओवर टाइम बंद, कर्मचारी यूनियनों में प्रबंधन के खिलाफ नाराजी

इसका कारण ओएफके में बने बमों के लाट फेल होना बताया जा रहा, लॉट फेल होने का यूनियन ने किया दावा, प्रबंधन कर रहा इन्कार

जबलपुर। देश की सबसे बड़ी आयुध निर्माण फैक्ट्रियों में मानी जाने वाली आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) में प्रबंधन की ओर से ओवर टाइम देना बंद कर दिया गया है। सत्र के अंतिम महीनों में ओवर टाइम बंद होने से कर्मचारियों में नाराजी देखी जा रही है। प्रबंधन द्वारा ओवर टाइम बंद करने के पीछे का कारण आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में बने बमों के चार लाट कैंसिल होना बताया जा रहा है।
ओएफके को देश की सबसे बड़ी आयुध निर्माणियों में गिना जाता है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ओएफके को 35 करोड़ का वर्क आर्डर मिला था। इसी आर्डर के तहत 84 एमएम, 551 और 751 बमों का आर्डर ओएफके जबलपुर को मिला था। इसके चलते बमों के लाट टेस्टिंग के लिए बालासोर भेजे गए थे। इसमें से चार लाट रिजेक्ट होने का दावा कर्मचारी यूनियन कर रही हैं। कर्मचारी यूनियन जहां इस जानकारी को पुष्ट कर रही हैं, वहीं प्रबंधन का कहना है कि उसके पास अब तक ऐसी कोई अधिकृत सूचना नहीं है। इस दावे और इन्कार के बीच फैक्ट्री में उत्पादन को लेकर चिंता की लकीर खिंच रही है। हालांकि, इसी बीच एक लाट पास होने की बात भी कही जा रही है।
ओवर टाइम बंद होने से गहराया संदेह
इसी बीच ओएफके प्रबंधन की ओर से ओवर टाइम देना बंद कर दिया गया। सत्र के अंतिम महीनों में ओवर टाइम बंद होने से कर्मचारियों का संदेह और भी गहराने लगा। इसके चलते कुछ संगठनों ने प्रबंधन पर दबाव बनाने क्रमिक धरना प्रारंभ कर दिया। धरना शुरू होते ही संयोग कहें या कुछ और एक लाट पास होने की खबर आ गई। इसमे किसी बड़े खेल की आशंका भी जन्म ले रही है। ओएफके में तीन दिन चले धरने के बाद प्रबंधन और प्रदर्शनकारी यूनियनों के बीच चर्चा के बाद धरना समाप्त हो गया। लेकिन, ओवर टाइम अभी भी शुरू नहीं हो पाया है।
लॉट फेल होने को लेकर कर्मचारी यूनियन कर रही दावा, प्रबंधन कर रहा इंकार
खमरिया लेबर यूनियन के महामंत्री अर्णव दासगुप्ता का इस मामले को लेकर कहना है कि ओएफके में बने बमों के चार लाट फेल हो गए हैं, लेकिन उनमें से एक लाट पास कर दिया गया है। प्रबंधन यह लॉट फेल होने का ठीकरा कर्मचारियों के सिर पर फोड़ने की तैयारी में है। वहीं, लेबर यूनियन के सदस्य अरुण दुबे  ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एआइडीइएफ लाट फेल हुए हैं, यह जानकारी सही है। लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं हुआ। ऐसा पहले भी होता रहा है। पहले यह जानकारियां बाहर नहीं आ पाती थीं, लेकिन निगमीकरण के चलते ये जानकारियां अब बाहर आने लगी हैं। दूसरी ओर ओएफके के प्रशासनिक अधिकारी नारायण तिवारी का इस संबंध में कहना है कि जेसीएम-3ऐसी कोई भी जानकारी हमारे पास नहीं है और जहां लाट सप्लाई किए गए हैं, वहां से भी ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है। इसलिए प्रबंधन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं करता। अगर ऐसी कोई बात होगी तो वह सामने आने पर ही कुछ कहा जा सकता है।

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