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मठ-मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म करने व धर्मांतरण रोकने पर बने राष्ट्रव्यापी कानून – विहिप

भोपाल (कैलाश गौर) । विश्व हिंदु परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि षड्यंत्र पूर्वक किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने व देश के मठ-मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म करने के लिए राष्ट्रव्यापी कानून बनाए जाने की आवश्यकता है। कुमार ने कहा कि परिषद अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए समाज में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव को लेकर जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान भी इसी माह से शुरू करेगी। इसके अंतर्गत देश के एक लाख गांव व शहरी इलाकों के झुग्गी बस्तियों में विहिप कार्यकर्ता पहुंचेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के पहले ही अयोध्या में रामलला फ्लोर का निर्माण हो जाएगा। दिलीप की कोशिश होगी कि 2024 से लोग रामलला के दर्शन कर सकें।

श्री कुमार यहां विश्व संवाद केंद्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण राष्ट्रीय अभिशाप है। इस पर रोक के लिए मध्यप्रदेश सहित 11 राज्यों में कानून तो हैं, किंतु समस्या व षड्यंत्र राष्ट्रव्यापी है, इसलिए राष्ट्रीय कानून बनना ही चाहिए, तभी इस अभिशाप से देश को मुक्ति मिल सकती है। इसको लेकर केंद्र सरकार से विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है।

उन्होंने कहा कि देशभर के मठ-मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए भी परिषद ने प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया है कि मठ-मंदिर न केवल आस्था, अपितु चिरंजीवी शक्ति के केंद्र व हिंदू समाज की आत्मा हैं। इन्हें सरकारी नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता। अन्य धर्मों की तरह हिंदु समाज को स्वयं इनकी देखभाल व संचालन का दायित्व सौंपना चाहिए। न्याय पालिका ने भी कई बार कहा, कि सरकार को मंदिरों के नियंत्रण का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि वह इसके लिए केंद्रीय कानून बनाए। कुमार ने कहा कि केंद्रीय कानून बनने पर ही सभी राज्यों में यह धार्मिक संस्थान हिंदु समाज को मिल सकेंगे।

श्री कुमार ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने देश का बहुत नुकसान किया है। तीसरी लहर में ऐसे हालात न बनें, इसके लिए विहिप जनजागृति अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके अंतर्गत देश के एक लाख गांव व शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों में पहुंचकर लोगों को कोरोना से बचाव के आवश्यक उपाय करने का संकल्प दिलाया जाएगा। अभियान अंतर्गत विहिप न सिर्फ लोगों को महामारी से बचाव के प्रति जागरूक करेगी, अपितु पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि  तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अभियान मध्य प्रदेश के साढ़े 7 हजार से ज्यादा गांव और शहरी बस्तियों में संचालित होगा।

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