मध्य प्रदेश

एमपी विधानसभा बजट सत्र : पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

सीएम शिवराज बोले- भारत को बदनाम करने का प्रयास करने वाले बीबीसी पर कार्रवाई हो

कैलाश गौर, भोपाल। होली और रंगपंचमी त्यौहारों की छुट्टियों के बाद मप्र विधानसभा का बजट सत्र आज सोमवार से फिर शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री के मामले में सदन में बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव (अशासकीय संकल्प) प्रस्तुत किया गया। निंदा प्रस्ताव भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने पेश किया था। सदन में यह निंदा प्रस्ताव बहुमत से पारित कर दिया गया। सीएम शिवराज सिंह बोले- यह डॉक्यूमेंट्री भारत की संप्रभुता पर गैर जिम्मेदार हमला है। इसका मकसद भारत के संविधान को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि भारत को बदनाम करने का बीबीसी ने जो प्रयास किया, उसके खिलाफ कार्रवाई हो।

ज्ञात हो, सदन में दो तरह के संकल्प (प्रस्ताव) लाए जाए सकते हैं। पहला वो जिसे सरकार की ओर से लाया जाए। दूसरा किसी भी विधानसभा सदस्य द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को पहले से सूचना देकर लाया जाता है। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले होने वाली कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस पर विचार होता है। बैठक में सहमति बनने के बाद इसे विधानसभा की कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। दोनों ही संकल्पों पर इसे रखने वाला विधायक या मंत्री पहले अपना पक्ष रखता है। इस पर मत विभाजन भी हो सकता है। अगर संकल्प पारित होता है तो सरकार उस पर काम भी कर सकती है, लेकिन बीबीसी को लेकर जो संकल्प मप्र विधानसभा में रखा गया है। वो ये दर्शाता है कि इस मुद्दे पर सदस्य की बात से सदन सहमत है।

विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में आज विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा,लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, कांतिलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा सहित प्रमुख सचिव एपी सिंह उपस्थित थे।

मप्र में ओबीसी को मिल रहा 27% आरक्षण, विधानसभा में राज्य सरकार ने दिया यह जवाब

प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज विधानसभा में जानकारी दी कि प्रदेश में अन्य पिछडा वर्ग को सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि प्रदेश के तीन विभागों में उच्च न्यायालय का स्टे होने के कारण 27% आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। शेष सभी विभागों में राज्य सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिया जा रहा है। यह जानकारी उन्होंने प्रश्नकर्ता विधायक कल्पना वर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी। चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल किया कि यह बताए कि कौन-कौन से विभागों में 27% आरक्षण लागू है। उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम था तब प्रदेश में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण किया था। उन्होंने आगे कहा कि वे 27% आरक्षण से भी संतुष्ठ नहीं है क्योंकि ओबीसी की आबादी प्रदेश में 50% है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आप 15 साल से सरकार में है आपने मात्र 27% आरक्षण लागू किया, बात तो तब बनती जब आप 35% आरक्षण देते। प्रश्न के उत्तर में पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा कि तीन विभागों शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग और पटवारी की भर्ती पर उच्च न्यायालय का स्टे लगा हुआ है। शेष सभी विभागों में 27% आरक्षण अन्य पिछडा वर्ग को प्रदान किया जा रहा है। मूल प्रश्नकर्ता कल्पना वर्मा ने कहा कि तीन  सालों से भर्ती पर रोक लगा रखी है, रोक कब तक हटाई जाएगी। जवाब में मंत्री ने कहा कि रोक जल्दी हटवाने के प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार पर हंगामा, सरकार ने दिया उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन

इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार का मामला गूंजा। महेश्वर से कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में नकली जेवर बांटने का मुद्दा उठाया। इस मामले में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए जांच की मांग की। विपक्ष की मांग को मानते हुए संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आश्वस्त किया कि उच्च स्तरीय जांच करवा ली जाएगी। सुश्री साधौ ने कहा कि योजना के तहत गुणवत्ताहीन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। इसकी जांच होना चाहिए। मैंने और हितग्राहियों ने भी इसकी शिकायत की है, इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जांच भी उन्हीं लोगों से करवाई गई, जिन्होंने ये भ्रष्टाचार किया है। प्रश्न के उत्तर में पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि मामले की जांच करवाई है, उसमें ऐसा कुछ नहीं पाया गया है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट साधौ ने कहा कि सरकार की मंत्री मीना सिंह ने भी स्वयं इस बात को माना है। जवाब में मीना सिंह ने कहा कि आप लोगों की सरकार होती तो मामला उजागर ही नहीं होता, हमने माना भी और सामग्री का वितरण भी रुकवा दिया है। जवाब से असंतुष्ट सुश्री साधौ ने कहा कि मामले की पुन: जांच प्रश्नकर्ता विधायक की मौजूदगी में करवाएं। उत्तर में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच करवा ली जाएगी। सुश्री साधौ ने कहा कि जांच में मुझे भी शामिल करवा लें, लेकिन सरकार से उन्हें ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीष गौतम ने आग्रह किया कि प्रश्नकर्ता विधायक को जांच के समय बुलवा लें।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोकझोंक 

विधानसभा की कार्यवाही भोजन अवकाश के बाद दोबारा शुरू हुई। सदन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा से शुरू हुई। सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता व्यक्त की। इस दौरान सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। उमाकांत शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक शक्तियों का केंद्रीयकरण बीजेपी सरकारों ने किया है। एक दशक में मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में 256% वृद्धि हुई है। एमपी में 15 महीने की कांग्रेस सरकार में काग (कौआ) की तरह काम हुआ है। उमाकांत शर्मा के बाद कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव का वक्तव्य हुआ। उन्होंने सरकार की विकास यात्रा पर सदन में जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि- कल के लुटेरे आज के सुल्तान हो गए हैं। उन्होंने गोपाल भार्गव के जरिए सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि- चुनाव के समय गोपाल भार्गव को वोट मांगने नहीं जाना पड़ता, लेकिन सरकार विकास बताने का प्रयास कर रही है, लेकिन जनता को नहीं दिख रहा है।

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