मध्य प्रदेश

कमल नाथ का दावा: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय, पार्टी ने कोई सर्वे नहीं करवाया

पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमल नाथ ने कहा- जनता के मन में कांग्रेस पार्टी को लेकर अभूतपूर्व उत्साह

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस द्वारा सर्वे कराए जाने से इंकार किया है। पार्टी ने प्रदेश में ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि मैं इतना स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता मजबूती से कार्य कर रहा है। मध्य प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश देने का मन बना लिया है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करेगी।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में राजनीतिक उठापटक के चलते सरकार गंवा चुकी कांग्रेस वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगा रही है। पार्टी हर उस फार्मूले पर चलने को तैयार है, जिससे जीत मिलती हो। मैदानी नेताओं को भी बता दिया गया है कि जो रणनीति निकाय चुनाव में अपनाई गई थी, लगभग उसी पर विधानसभा चुनाव में चला जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सभी जिलों के प्रभारी, स्थानीय वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को नगरीय निकाय चुनाव के फार्मूले पर काम करते हुए संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह तैयारी इसलिए भी है क्योंकि पार्टी सर्वमान्य प्रत्याशियों के नाम चुनाव से चार से पांच महीने पहले घोषित करना चाहती है, ताकि वे अपने क्षेत्र में अच्छे से पैठ बना सकें और जनता का विश्वास जीत सकें।

कार्यकर्ताओं को दी सलाह: किसी भी कयासबाजी में न पड़ेंं

कमल नाथ बोले- अपने राजनीतिक जीवन के लंबे अनुभव के आधार पर मैं लोगों की निगाहों में पढ़ सकता हूं कि उनका रुझान किस तरफ है। जनता के मन में कांग्रेस पार्टी को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह की कयासबाजी में नहीं पड़ना चाहिए और पूरा ध्यान अपने अपने बूथ को मजबूत करने पर लगाना चाहिए। हमारा संगठन जितना मजबूत होगा हमारी जीत उतनी बड़ी होगी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत से नए वर्ष में मध्य प्रदेश को नई सरकार मिलना तय है
विधानसभा में नगरीय निकाय चुनाव का फार्मूला अपनाएगी कांग्रेस
पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव-2023 में नगरीय निकाय चुनाव का फार्मूला अपनाएगी। यानी विधानसभा क्षेत्र में आम सहमति बनाकर प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। निकाय चुनाव में इस फार्मूले का पार्टी को खासा फायदा मिला है। माना जा रहा है कि मैदानी कार्यकर्ताओं की सहमति से प्रत्याशी चयन के कारण ही पार्टी पांच महापौर जिता लाई। मैदानी स्तर के पार्टी पदाधिकारी और नेताओं को इसके संकेत दे दिए गए हैं। जिला स्तर पर विधानसभा के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची भी तैयार कराई जा रही है, ताकि ऐन वक्त पर प्रत्याशी का चयन करने में समस्या न आए।

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