मध्य प्रदेश

जनता के बीच पुराने चिर-परिचित अंदाज में दिखे शिवराज- बोले- ‘मामा कड़की में है, उधार ले लूं, बाद में चुका देंगे’ …

खंडवा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा में फिर अपने चिर-परिचित अंदाज में दिखाई दिए. उन्होंने आम सभा के बीच में मंच से राजस्व की कमी की बात छेड़ी. इसके बाद बात-बात करते जनता से बोले– ‘मामा कड़की में है, उधार ले लूं, बाद में चुका देंगे यार.’  उनकी ये बात सुनते ही जनता ने जमकर ठहाके लगाए और तालियां बजाईं.

मुख्यमंत्री शिवराज खंडवा प्रवास पर थे. उन्होंने यहां जनदर्शन के साथ-सथ सभाएं कीं. उन्होंने कहा- हम कड़की में हैं. इसमें कोई दो मत नहीं. कोरोना में पैसा आया ही नहीं. 16 महीने में आठ महीने तो सूखे निकल गए, टैक्स नहीं आया. मामा भी परेशानी में है. लेकिन, हमने तय किया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, उधार भी लेना पड़ जाए तो लेंगे, लेकिन सब जरूरी काम करेंगे.

केजरीवाल पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा- उत्तराखंड में जब्त हो जायेगी आप की जमानत। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से कोरोना पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण में आ गया है. जैसे ही अच्छा समय आएगा उधार चुका देंगे. उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि कड़की में भी सभी जरूरी काम करेंगे. जनता से जुड़ी योजनाएं बंद नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा में बड़े राज का खुलासा किया. उन्होंने मंच से सभा के बीच 2018 के विधानसभा चुनाव की चर्चा की. जनता को बताया कि कैसे उन्होंने दिल पर पत्थर रख लिया था और मान लिया था कि अब 5 साल के लिए विपक्ष में ही बैठना पड़ेगा. एक चमत्कार ने पूरी बाजी पलट दी और वे फिर मुख्यमंत्री बन गए. दरअसल, शिवराज मंगलवार को खंडवा जिले में जनदर्शन कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान कई घोषणाएं भी कीं.

वे मंच पर खड़े हुए और कहा- ‘2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मैंने मान लिया था कि अब तो 5 साल के लिए गए. पता नहीं क्या चमत्कार हुआ और मैं 15 माह में ही वापिस आ गया.’ उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कमलनाथ 15 महीने के लिए सीएम बने. वे इन्ही 15 महीनों में प्रदेश का सत्यानाश करके चले गए. 15 माह की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया गया. प्रदेश को बर्बाद कर दिया. बीजेपी सरकार की सारी योजनाएं बंद कर दी. यहां तक की कन्यादान योजना भी अधर में लटक गई. बेटियों की शादी मुश्किल हो गई.

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