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आर्ट आफ लिविंग के ’उत्साह’कार्यक्रम में रविशंकर ने कहा- चिंता नहीं चिंतन करें युवा

एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी ने किया संवाद

 

कोटा/राजस्थान। कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण से जनजीवन प्रभावित है। स्टूडेंट्स भी इससे प्रभावित हैं। इसे देखते हुए आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता रविशंकर की पहल पर आनलाइन मोटिवेशनल सेशन उत्साह का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख शिक्षण व कोचिंग संस्थानों के संचालकों से ने संवाद किया और विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन किया। कोटा से एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी इस संवाद में शामिल हुए और कोटा व कोचिंग स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व करते हुए जिज्ञासा के समक्ष रखी। संवाद करीब डेढ घंटे चला, ने स्टूडेंट्स को डर व चिंता से निपटने एवं बेहतर जीवन जीने के उपाय बताए।

कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक गोविन्द माहेश्वरी ने का अभिवादन किया। माहेश्वरी ने वर्तमान परिस्थितियों में स्टूडेंट्स की मनोदशा को देखते हुए पूछा कि ‘कोरोना की वजह से हर कोई भयभीत है। विशेषकर स्टूडेंट्स अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। ऐसे माहौल में स्टूडेंटस कैसे खुद को पाजिटिव रख सकते हैं ?

इस पर ने कहा कि हम लोगों की जनरेशन में काफी चुनौतियां थी। 1962 व 1971 के युद्ध में देश पर आर्थिक संकट भी आया, बचपन में संकट का सामना करने वालों का भविष्य स्वर्णिम होता है। युवाओं के बीच जोश और उत्साह होना चाहिए। हर परिस्थिति के मुकाबले के लिए तत्पर रहते हुए, आगे बढ़ने का हौसला होना चाहिए। स्वयं को नकारात्मकता से खुद को दूर रखना चाहिए। चिंता युवाओं को शोभा नहीं देती, चिंतन उनके लिए रत्न बनती है। इसलिए युवा चिंता नहीं चिंतन करें, अपने बारे में, परिवार के लिए, समाज और देश के लिए अच्छा सोचें। आगे बढ़ने का प्रयास करें।

               दो लाख से अधिक स्टूडेंट्स व्यू             

इस लाइव सेशन से देशभर के लाखों लोग लाइव जुड़े। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के पेज पर दो लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने जुड़कर इस कार्यक्रम को लाइव देखा। देश के ख्यातनाम कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ स्टूडेंट्स ने भी सेशन को लाइव देखा और अपने-अपने सवाल भी आनलाइन सेशन के दौरान कमेंट के माध्यम से रखे। इसके साथ ही स्वयं से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी के जवाबों में खोजा।

                न्यूट्रिशियन पर ध्यान दें             

आजकल बच्चों में प्रोटीन की कमी रहती है। नियमित आलू व चावल के सेवन से शरीर में कार्बोहाइड्रेट का स्तर बढ़ा हुआ रहता है जोकि नुकसानदेह रहता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। पेरेन्ट्स बच्चों के न्यूट्रिशियन पर ध्यान दें, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य के लिए शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। ऐसे समय में विद्यार्थियों को मेडिटेशन एवं प्राणायाम करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें शांति महसूस होगी और ये उन्हें पाजिटिव एनर्जी देगा।

              आनलाइन मेडिटेशन कराया           

कोचिंग संचालकों से आनलाइन संवाद के बाद ने मेडिटेशन भी करवाया। उन्होंने भस्त्रिका प्राणायाम एवं सुदर्शन क्रिया कराई। उन्होंने कहा कि ध्यान ऐसी प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति के मन में होने वाली उथल पुथल एवं नकारात्मक विचारों को बाहर निकाला जा सकता है। इससे विचारों में स्पष्टता बढ़ती है, संबंधों में सुधार आता है। हमारा व्यक्तित्व मधुर एवं मिलनसार होने लगता है।

             एलन से का जुड़ाव                     

रविशंकर स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने के लिए मोटिवेशनल सेशन लेते रहते हैं। इससे पूर्व भी एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के साथ इंदौर में उमंग कार्यक्रम में शामिल हुए और एलन स्टूडेंट्स से सीधा संवाद किया। इस कार्यक्रम में भी एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी मौजूद रहे। इसके साथ ही जनवरी 2015 में भी स्प्रेडिंग स्माइल कार्यक्रम के तहत कोटा आए और एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को मोटिवेट किया। इस कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। कार्यक्रम के बाद एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा के संकल्प कैम्पस भी आए और यहां डायरेक्टर्स द्वारा उनका अभिनन्दन किया गया।

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