लेखक की कलम से
गुनगुनी धूप मुबारक
आशा और दिलाशा बांटना जिसने भी सीखा
समय उसके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करता है
आगे बढ़नेवाले को हमेशा सचेत रहना जरूरी है
समाज की विडंबनाओं से बचना बचाना पड़ता है!
आशा और दिलाशा बांटना जिसने भी सीखा
समय उसके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करता है
आगे बढ़नेवाले को हमेशा सचेत रहना जरूरी है
समाज की विडंबनाओं से बचना बचाना पड़ता है!