लेखक की कलम से

गुनगुनी धूप मुबारक

 

आशा और दिलाशा बांटना जिसने भी सीखा

समय उसके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करता है

आगे बढ़नेवाले को हमेशा सचेत रहना जरूरी है

समाज की विडंबनाओं से बचना बचाना पड़ता है!

©लता प्रासर, पटना, बिहार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button