नई दिल्ली

नगर पालिका परिषद के 4 सदस्य मनोनीत नहीं करने पर कोर्ट ने जारी किया मोदी सराकर को नोटिस …

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र के दो निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनडीएमसी में चार सदस्यों को नामित नहीं करने के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए हैं। याचिका में एनडीएमसी के प्रभावी कामकाज के लिए 13 सदस्यों का कोरम पूरा करने की मांग की गई है। 

जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने सोमवार को इस मामले में मोदी सराकर, दिल्ली सरकार और एनडीएमसी से जवाब मांगा है। अदालत ने अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को अगले साल 12 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अमित साहनी ने तर्क दिया कि भले ही नई दिल्ली नगर अधिनियम, 1994 स्पष्ट रूप से कहता है कि परिषद में 13 सदस्य होने चाहिए, लेकिन एनडीएमसी केवल 9 सदस्यों के साथ काम कर रही है, क्योंकि एनडीएमसी एक्ट, 1994 (NDMC Act, 1994) की धारा 4(1)(डी) के तहत अनिवार्य होने के बावजूद मोदी सराकर ने एनडीएमसी के 4 सदस्यों को नामित नहीं किया है।

इस याचिका पर मोदी सराकर के वकील अनुराग अहलूवालिया ने आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिका को वर्तमान रूप में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए और याचिकाकर्ता को जनहित याचिका दायर करनी चाहिए थी, जिस पर वकील अमित साहनी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता भी पीड़ित पक्ष हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता भी एनडीएमसी क्षेत्र के निवासी हैं।

हाईकोर्ट ने कहा, अगर वे जनहित याचिका दायर करते हैं, तो आप इस आपत्ति के साथ आ सकते हैं कि चूंकि याचिकाकर्ता एनडीएमसी क्षेत्र के निवासी हैं, इसलिए वे इच्छुक पार्टी हैं और इस संदर्भ में जनहित याचिका की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि धारा 4 मोदी सराकर द्वारा सदस्यों के नामांकन के बारे में क्या अनिवार्य करती है?

एनडीएमसी के वकील अनिल ग्रोवर ने कहा कि एनडीएमसी अच्छी तरह से काम कर रहा है। इसके बाद कोर्ट ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार, मोदी सराकर और एनडीएमसी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 तय कर दी।

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