मध्य प्रदेश

एक और ‘माननीय’ के बिगड़े बोल, सीएम शिवराज पर की अपमानजनक टिप्पणी

कहा- मुख्यमंत्री छोटे-छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर रहे हैं, मर्द के बच्चे हो तो कलेक्टर, एसपी और सीसीएफ को सस्पेंड करो

भोपाल। कांग्रेस नेता राजा पटेरिया के प्रधानमंत्री मोदी पर दिए गए विवादित बयान को लेकर मामला थमा नहीं था कि बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने सीएम शिवराज पर अपमानजनक टिप्पणी कर दी। काकोड़िया ने सीएम को लेकर कहा- शिवराज सिंह पूरे जिले में घूम रहे हैं और छोटे-छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर रहे हैं। यदि मर्द के बच्चे हो तो एसपी, कलेक्टर और सीसीएफ को सस्पेंड करो।

अर्जुन सिंह काकोड़िया बाघ के हमले से जान गंवाने वाले ग्रामीण के परिजनों से मुलाकात करने पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन के धोबी सर्रा सर्किल के गोडेगांव गए थे, जहां उन्होंने यह विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह चौथी घटना है। माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं हाथ जोड़कर कह रहा हूं, अगर आप मर्द के बच्चे हो तो कलेक्टर, एसपी और सीसीएफ को सस्पेंड करो। बोलते हो ना कि मैं किसान की औलाद हूं, ऐसा है तो आज किसान की सुरक्षा कर…। यहां पर 24 घंटे लाइट चाहिए, दिन और रात में भी लाइट चाहिए। यह नौटंकी करने की जरूरत नहीं है। छोटों को सस्पेंड करने की जरूरत नहीं है। हमको अब जड़ पर वार करना पड़ेगा। यह छोटे-छोटे कर्मचारियों से हमको कोई मतलब नहीं। असली हरामखोरों के चेहरों को देखो जरा। मुझसे जो बन पढ़ रहा है कर रहा हूं, जो जनता कहेगी में उनके साथ हूं। इस दौरान विधायक अर्जुन काकोड़िया ने अफसरों के लिए अपशब्द भी कहे, जो लिखे नहीं जा सकते।

काकोड़या ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे ही हैं। छोटे-छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही कर रहे हैं। भरे मंच से कर्मचारियों को सस्पेंड कर रहे हैं। एसपी और कलेक्टर को क्यों नहीं हटाते। अपनी नौटंकी बंद कीजिए। उन्होंने कहा कि आज भी बेलगांव के पास बाघ घूम रहा है, लेकिन इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कलेक्टर छोटे अधिकारियों को पहुंचा देता है, जिन्हें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री से पद नहीं संभल रहा है तो इस्तीफा दे देना चाहिए।

रविवार को बाघ ने ली थी ग्रामीण की जान, वन अमले पर भड़के ग्रामीण

गोडेगांव में रविवार को बाघ ने हमला कर एक ग्रामीण की जान ले ली थी और तीन लोगों को घायल कर दिया था। बाघ को पकड़ने के लिए घटनास्थल पर अमला भी पहुंचा था और उसे पकड़ने की तैयारी कर रहा था। इसी बीच बाघ को जंगल के करीब जाता देखकर ग्रामीणों ने अधिकारियों के वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साए लोगों ने मौके पर पहुंचे पेंच टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा के सिर पर लाठी से हमला कर दिया था। वहीं, एक वनरक्षक सारिक खान से अभद्रता करते हुए वर्दी फाड़ दी। अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। दरअसल, ग्रामीण की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी वन अमले और पुलिस विभाग को दी। सूचना देने के बाद काफी देर तक टीम मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रशासन पर बाघ को भगाने का आरोप लगाया। नाराज ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी थी। गांववालों के बताने के बाद भी प्रशासन ने कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए थे। इसी बात को लेकर विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया नाराज दिखे।

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