लेखक की कलम से

सरसों के फूलों की पीली चदरिया मुबारक …

 

ठंड सारे जोड़ों को मरोड़ रहा

जिस्म और जवानी का होड़ रहा

दर्द से दर्द का अहसास है होता

उम्र कोई हो ठंड नहीं छोड़ रहा!

 

 

©लता प्रासर, पटना, बिहार

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