लेखक की कलम से
मैं दरिया …
मुझसा दरिया
और दरिया सी मैं..
शांत सा दरिया
और शान्त सी मैं..
दरिया में उठती लहरें
और उठती लहरों सी मैं..
किनारों के मिलन को मोहताज सा दरिया
और दरिया सी मोहताज मैं …
दरिया गहरा और गम्भीर सा
और दरिया सी गहरी मैं…
बहता सा दरिया
और दरिया सी बहती मैं…
©ऋतु चौधरी, ग्वालियर, मप्र