लेखक की कलम से

मुहब्बत …

मुझको तुमसे मुहब्बत हुई
जानें कैसी ये आदत हुई

नींद से हैं हुई दुश्मनी
जागकर के इबादत हुई

आपको देखकर जानें क्यूं
मेरे दिल में शरारत हुई

किस जनम की है येदोस्ती
आपसे इतनी चाहत हुई

दिल बहकता रहा आजकल
खूबसूरत हिमाकत हुई

मैंने हसने की कोशिश भी की
और फिर कुछ शिक़ायत हुई?

 

©क्षमा द्विवेदी, प्रयागराज               

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