हर रंग का अस्तित्व एक …
कहने को तो होली रंगों का त्यौहार ही हैं
किसी भी जून में जन्म की परिभाषा जीवन ही हैं
हर रंग रूप में को भी हो जीवन जीवन ही हैं
नारंगी रंग में रंगी पिताबर पहनें गुरुवार के रंग जीवन के धार हैं
श्वेत रंग में छिपा शांति का राम नाम चांद का शीतल एहसास का सूत्र धार हैं
हरे रंग में हरियाली तीज हरा भरा संसार पदचिन्हों का दूसरा नाम हैं
नील रंग में नीलाबर नील कंठ ज़हर जहन में उतार कर जीवन का मूल आधार हैं
लाल रंग में रंगी सुर्ख गुलाब की खुशबू माथे पे सज्जा देता तिलक कुमकुम सा मानसिक संतुलन का एक ताज हैं
काले रंग में गहरा विश्वास कठोर तपस्या घाव भरने का मूल आधार जीवन में सही गलत का एहसास करवाता हैं
श्वेत वस्त्र धारण कर हर रंग में मिलकर पूरा करता एक नया रंग में ढलता नया रूप में प्रमाण दे जाता हैं
हर रंग का अस्तित्व एक अलग पहचान बनाता हैं
रंग रूप में कवच सा असर छोड़ जाता हैं
विरह की अग्नि में झुलस कर आग बन जाता है
वहीं पूजा की अग्नि में आहुति बन पवित्र गंगा सा उज्ज्वल मिलन समारोह का रूप ले जाता हैं
© हर्षिता दावर, नई दिल्ली