नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्री बालियान ने कहा- मस्जिद से हुआ था मेरे विरोध का ऐलान …

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मंगलवार को मुजफ्फनगर में हुए हंगामे और हिंसा के बाद बड़ा आरोप लगाया है। बालियान ने कहा कि उनका विरोध करने के लिए मस्जिद से ऐलान हुआ था। उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि रालोद नेताओं के भड़काने पर मारपीट की घटना हुई। उन्होंने रालोद नेताओं के फोन डिटेल की जांच की मांग की।

भाजपा सांसद और केंद्र में राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि रालोद के नेताओं की कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो कई राज खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इनमें एक नेता वो भी थे जो लालकिले पर हंगामे के दौरान लगातार ट्वीट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विरोध तो करना चाहिए, लेकिन मर्यादा में विरोध हो। अगर किसी नेता के आने पर विरोध करेंगे तो हमारे लोग भी उनके नेताओं  का विरोध करेंगे। ऐसा करना ठीक नहीं होगा।

बालियान ने कहा कि सोरम में साजिश के तहत मारपीट कराई गई। जयंत चौधरी का बिना नाम लिये कहा कि दिल्ली में बैठे रालोद के बड़े नेता ने प्रकरण के चंद मिनटों में ट्वीट कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी मुजफ्फरनगर को आग में झोंकना चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे। वर्ष 2003 में हुए दंगों में यह लोग कहां थे। आगे भी यह नहीं आएंगे। कभी जनता की सुध नहीं ली आगे भी नहीं लेंगे।

उन्होंने कहा कि शामली के भैंसवाल में अखिलेश यादव के इशारे पर माहौल खराब करने का प्रयास किया गया। सोरम में वह लोग भी मारपीट में मौजूद थे, जो बीते दिनों लालकिले पर लाइव चैट कर रहे थे। कवाल कांड का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सांसद अमीर आलम ने आरोपियों को थाने से छुड़वाया था। अब वह फिर मंच पर दिखाई दे रहे हैं। जनता ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि चौधरी अजीत सोरम में आए हैं, दोपहर बाद वह भी सोरम जाएंगे।

शाहपुर क्षेत्र के गांव सोरम में रस्म तेरहवीं में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान का विरोध करने पर भाजपा और वहां मौजूद युवकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें दोनों ओर से कई लोग घायल हुए थे। पुलिस ने दोनों पक्षों को किसी तरह अलग किया था। घटना के बाद गांव की चौपाल पर हुई पंचायत में आरोपियों के खिलाफ तहरीर देने का निर्णय लिया गया। रालोद नेताओं ने संघर्ष में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग को लेकर थाने का घेराव भी किया था।

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