नई दिल्ली

जिसे अमन का ‘रखवाला’ मान रही थी दिल्ली पुलिस, वही निकला जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता, दिल्ली दंगों में भी आया था नाम ….

नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में पिछले महीने निकली अवैध शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की एक बार फिर किरकिरी हो गई है। दरअसल, दिल्ली पुलिस जिसे मददगार बनाकर साथ-साथ लेकर घूम रही थी, वही शख्स असल में जहांगीरपुरी हिंसा का कथित मुख्य साजिशकर्ता निकला। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता तबरेज खान समेत 3 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक, तबरेज का नाम दिल्ली दंगो में भी सामने आया था।

जहांगीरपुरी हिंसा का यह आरोपी पथराव के बाद अमन का ‘रखवाला’ बन पुलिस के आला अधिकारियों के बीच ही घूमता रहा, ताकि पुलिस को उस पर शक न हो। हालांकि, इस मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने शनिवारों को तबरेज को गिरफ्तार कर लिया।

हिंसा के बाद वह डीसीपी समेत तमाम आला अधिकारियों के इर्द-गिर्द ही दिखाई देता था। वह मंच से लेकर सड़क तक अक्सर इलाके की डीसीपी उषा रंगनानी के बगल में ही खड़ा या बैठा दिखाई देता था। इतना ही नहीं, शांति कायम करने का ढोंग करते हुए उसने ही इलाके में तिरंगा यात्रा भी आयोजित की थी और पत्र लिखकर पुलिस से इसके लिए अनुमित भी हासिल कर ली थी।

बताया जा रहा है कि तबरेज पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का सदस्य था, लेकिन बाद में उसने एआईएमआईएम छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली थी। फिलहाल ये दिल्ली नगर निगम की चुनावों की तैयारी कर रहा था।

पत्थराव के बाद वह लगातार पुलिस के साथ घूम-घूम कर इलाके में अमन कायम करने की बातें कर रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तबरेज का जहांगीरपुरी पथराव में बेहद एक्टिव रोल था।

हिंसा के बाद के एक वीडियो में देख सकते हैं कि जब जहांगीरपुरी में डीसीपी उषा रंगरानी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी तब वह बगल में बैठकर माइक के जरिए इलाके से पुलिस फोर्स हटाने की गुजारिश कर रहा था। वहीं, एक दूसरा वीडियो जहांगीरपुरी थाने के बाहर का जब गिरफ्तार आरोपियों के परिवार वाले थाने के बाहर इकठ्ठा हुए थे और दोनों समुदाय के लोग थाने के बाहर भी आमने-सामने होकर नारेबाजी करने लगे थे, तब भी तबरेज एक समुदाय के परिवारवालों को थाने के बाहर उकसा रहा था।

इतना ही नहीं, तबरेज का नाम दिल्ली दंगो में भी सामने आया था। वह शाहीन बाग में भी आजाद चौक से बसें भर-भर के लेकर गया था और जाफराबाद में भी भीड़ इसी ने इकठ्ठा की थी। हालांकि, पुलिस ने केस मजबूत करने के लिए इसे गवाह बना लिया था।

गौरतलब है कि जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने अब तक तीन नाबालिगों समेत 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जहीर खान उर्फ ​​जलील (48) और अनाबुल उर्फ ​​शेख (32) को शुक्रवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया गया, वहीं तीसरे आरोपी तबरेज (40) को भी शनिवार को उसी इलाके से गिरफ्तार किया गया। झड़प के दिन से ही जहीर खान और अनाबुल दोनों फरार थे। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से और गवाहों के बयानों के आधार पर उनकी पहचान की गई, जिन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों हिंसा में सक्रिय भागीदार थे।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए थे और कई बार अपना ठिकाना बदल चुके थे। जब वे यहां अपने घर लौटे तो पुलिस को उनके जहांगीरपुरी में होने का पता चला। अधिकारी के अनुसार, जलील को सीसीटीवी फुटेज में पिस्तौल लहराते हुए देखा गया था और उसने गोली चलाई या नहीं इसकी जांच की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि अनाबुल झड़पों में सक्रिय भागीदार था। पुलिस ने दावा किया कि तबरेज भी हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल था, तकनीकी सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर ताजा गिरफ्तारियां की गई हैं।

गौरतलब है कि 16 अप्रैल को राजधानी के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों में आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय घायल हो गया था। पुलिस के मुताबिक, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था।

हिंसा के कुछ दिनों बाद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखा था। पुलिस ने मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है।

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