नई दिल्ली

लगातार बढ़ रहे कोरोना मामले, वायरस के नए म्यूटेशन का है खतरा, पढ़िए विस्तृत खबर …

नई दिल्ली । महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों ने एक बार फिर से कोरोना वायरस को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। बीते 10 फरवरी से राज्य में कोरोना मरीजों के आंकड़ों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 10 फरवरी से लेकर 22 फरवरी तक महाराष्ट्र में 4,610 नए कोरोना मामलों के औसत से कुल 59,937 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

इसके मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार सुबह घोषणा की कि वह शाम को 7 बजे राज्य को संबोधित करेंगे। जैसे ही यह संदेश टीवी, ट्वीट, फेसबुक पोस्ट के जरिए मुंबई, पुणे और अन्य शहरों तक फैला। लोगों के मन एक सवाल उठने लगा कि क्या यह अनौपचारिक रूप से कोविड-19 की दूसरी लहर के आने और लॉकडाउन लगाने की घोषणा तो नहीं है?

राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1 से 9 फरवरी तक महाराष्ट्र में एक दिन में औसतन 2,489 मामले दर्ज किए गए, जबकि 10 से 22 फरवरी तक एक दिन में औसतन 4,610 नए मामले दर्ज हुए।

कोरोना मौतों के अनुपात के मामले में भी महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। शुक्रवार को भारत में कोरोना से होने वाली मौतों का कुल 44% मौतें महाराष्ट्र में हुईं। 22 फरवरी तक कोरोना के कारण भारत में दर्ज की गई कुल 1,44,329 मौतों में से महाराष्ट्र की 53,113 यानि 36.8% की हिस्सेदारी है।

सरकार और स्थानीय निकायों को केस बढ़ने के साथ ही अलर्ट कर दिया गया है। इन मामलों में से अधिकांश विदर्भ, पुणे और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के बताए जा रहे हैं, जिसमें ठाणे जिला भी शामिल है, जो भारत में सबसे बड़े जिलों में से एक है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे कोरोना मामलों में होने वाली इस अचानक वृद्धि के सटीक कारणों का पता लगाने में अभी तक असमर्थ रहे हैं। वहीं इनमें से कुछ लोग इसे कोविड-19 का अटपटा व्यवहार मान रहें हैं, जबकि कुछ लोग इसे विदर्भ के इलाके में संभवत: वायरस के नए म्यूटेशन के रुप में देख रहे हैं। साथ ही साथ इसे 2020 में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और शादियों जैसे सामाजिक आयोजनों में ढिलाई बरतने का कारण भी माना जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को जीनोम अनुक्रमण के लिए सबसे अधिक प्रभावित जिलों से 350 से अधिक रैंडम सैंपल्स भेजे हैं, जिससे यदि वायरस का म्यूटेशन हुआ है तो उसे बेहतर तरीके से समझा जा सके।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अकोला के सक्रिय मामले 15 फरवरी से 22 फरवरी के बीच दोगुने होकर 809 से 1,981 से अधिक हो गए हैं। वहीं 15 फरवरी को अमरावती के सक्रिय मामले 3,090 से बढ़कर 22 फरवरी को 5,404 तक पहुंच गए।

इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने सोमवार को कहा कि नागपुर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से सात मार्च तक जिले में सख्त पाबंदी लगाई जा रही है। जिले के प्रभारी मंत्री राउत ने समीक्षा बैठक के बाद बताया कि मंगलवार से सात मार्च तक जिले के सभी सकूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे जबकि प्रमुख बाजार इस अवधि में शनिवार और रविवार को नहीं खुलेंगे।

उन्होंने बताया कि बारात घर 25 फरवरी से 7 मार्च तक काम नहीं करेंगे और राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं होगी। जिला प्रशासन ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कोविड-19 जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि नागपुर में भी बीते रविवार तक कोविड-19 से 1,43,133 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी थी जिनमें से 5,997 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उधर, महाराष्ट्र के ही बुलढाणा शहर में भी कोरोना केसों में तेजी को देखते हुए पाबंदियों का ऐलान किया गया है। बुलढाणा के एडीएम दिनेश गीते ने कहा कि शहर के चिकाली, खामगांव, देयूलगांव राजा और मलकापुर इलाकों में पाबंदियां लगाई गई हैं।

यहां सुबह 8 बजे से 3 बजे तक जरूरी सेवाओं की अनुमति होगी। एडीएम ने यह भी चेतावनी दी को जो लोग नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में अभी होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी गई है।

राज्य में बढ़ते मामलों के साथ ही राज्य के तमाम मंत्री भी इसके प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं। महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने सोमवार को बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद अब तक महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के लगभग 60 प्रतिशत मंत्री कोरोना वायरस पॉजिटिव हो चुके हैं।

बीते साल देश में कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ था। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस एक साल के दौरान महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के 43 में से 26 मंत्री कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इतना ही नहीं सरकार के पांच मंत्री तो बीते हफ्ते ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अब देखना यह होगा कि क्या एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना मामलों पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सकेगा या नहीं।

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