बिलासपुर

धान बेचने का आखिरी दिन और चिंता में किसान, प्रभावित दिनों की गणना कर खरीदी आगे बढ़ाने की मांग की किसानों ने

बिलासपुर। इस साल धान खरीदी के पहले से उठा विवाद धान बेचने के आखिरी दिन तक थम नहीं पाया है। किसान चिंतित हैं कि 20 फरवरी को धान नहीं बिकी तो क्या होगा। सरकार के तमाम कोशिसों के बाद भी धान खरीदी केन्द्रों में समस्याएं बनी रही और किसान अपनी बारी का बाट जोहते रहे। किसानों की मांग है कि धान खरीदी के लिए निर्धारित किए गए दिनों में जितने दिन समस्याएं आई है जिसके कारण उस दिन धान खरीदी नहीं हो पायी ऐसे पूरे दिनों को जोड़कर उतने दिनों की अतिरिक्त धान खरीदी संबंधित केन्द्रों में की जाय ताकि कोई भी किसान अपना धान बेचने से वंचित न रह जाए।

20 फरवरी को धान खरीदी का अंतिम दिन है। इसके बाद इस साल के लिए धान की खरीदी बंद हो जाएगी। इस बीच धान खरीदी केन्द्रों में आए दिन कुछ न कुछ समस्याओं के कारण धान की खरीदी बाधित हुई है। प्रतिकूल मौसम के कारण भी धान का उठाव नहीं हो पाया। कभी बारदाना की कमी होने से किसान धान खरीदी केन्द्रों से वापस हुए। कुल मिलाकर किसी न किसी कारण से धान की खरीदी प्रभावित होती रही। किसानों की मांग है कि जिस भी कारण से जिन धान खरीदी केन्द्रों में जितने दिन धान की खरीदी प्रभावित हुई है उसकी गणना करके उतने दिनों के लिए संबंधित धान खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी की जावे ताकि कोई भी किसान अपने परिश्रम की कमाई से वंचित न रह जाए।

हालाकि सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्णायक पहल की जाएगी इसकी संभावना कम है लेकिन ऐसा किया जाता है तो यह अन्नदाता के प्रति सम्मान होगा। वैसे भी इस बार धान खरीदी का मामला खरीदी शुरू के पहले ही विवादों से घिर गया था। कभी केन्द्र व राज्य सरकार के नीतियों के कारण धान की खरीदी देर से शुरू हुई तो वहीं इस बार प्रतिकूल मौसम का सामना भी किसानों को बीते कुछ सालों की तुलना में कुछ ज्यादा ही करना पड़ा। नित नए निकलने वाले फरमानों ने भी किसानों को काफी परेशान किया। और आखिर में बारदाना की कमी का मामला भी सामने आया जिसके चलते धान का उठाव ही नहीं हो पाया। इसके अतिरिक्त धान खरीदी केन्द्रों में तकनीकी समस्याएं भी आई जिससे खरीदी का कार्य प्रभावित हुआ है।

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