मध्य प्रदेश

नर्मदा किनारे पर्यटन को बढ़ावा देने 100 गांवों में होम स्टे बनेंगे, ग्रामीण संस्कृति से जुड़ सकेंगे पर्यटक

हरदा के हंडिया और देवास के बजवाड़ा और खरगोन के मंडलेश्वर, गोला-गुठान, टिपरास गांवों का होम स्टे के लिए किया चयन

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब नर्मदा नदी के किनारे पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के 100 गांवों में होम स्टे बनाए जा रहे हैं। इससे नर्मदा नदी के किनारे पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा। होम स्टे बन जाने से पर्यटक, अध्यात्म, धर्म, ग्रामीण कला और संस्कृति से भी जुड़ सकेंगे। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पर्यटक सुकून के दिन बिता सकें, इस मंशा से होम स्टे का निर्माण करवाया जा रहा है। यहां पर्यटकों को चूल्हे की रोटी और स्थानीय सब्जी के साथ ही चटकी का जायका भी मिलेगा।

एक वर्ष में पूरा होगा काम

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नर्मदा नदी के किनारे 100 होम स्टे बनाए जाएंगे। नर्मदा नदी के किनारे गांवों का चयन कर लिया गया है। जिसमें हरदा के हंडिया और देवास के बजवाड़ा, मंडलेश्वर, गोला गुटान, टिपरास गांव में होम स्टे बन रहे हैं।हर ग्राम पंचायत में 6 से अधिक होम स्टे का निर्माण होगा। इनके माध्यम से जिले में पर्यटन के साथ ही देसी भाषा, ग्रामीण परिवेश, अध्यात्म, स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा मिल सकेगा। वर्तमान चकाचौंध व भागदौड़ भरे जीवन में सुकून के दिन बिताने दूसरे प्रदेशों के लोग होम स्टे कर सकेंगे। इसका निर्माण कार्य एक साल में पूरा होने की उम्मीद है। जिसके लिए एमपी टूरिज्म 800 वर्गफीट के होम स्टे बनाने के लिए दो लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दे रहा है। इनके बन जाने से प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

हरदा जिले के हंडिया में निर्माणाधीन होम स्टे।

योजना पर तेजी से हो रहा काम, होम स्टे बनना शुरू

नर्मदा किनारे बन रहे होम स्टे में प्लिंथ लेवल तक काम ईंट व सीमेंट का होगा। इसके बाद चूने से जुड़ाई होगी, ताकि अंदर ठहरने वालों को कम गर्मी लगे। इसी के साथ बिजली कनेक्शन तो होगा, लेकिन एसी, फ्रिज नहीं होगा। साथ ही पर्यटकों को चूल्हे की रोटी व स्थानीय सब्जी, चटनी का जायका मिलेगा। हाल ही में मुंबई के टूर ऑपरेटर्स ने भी हंडिया, नेमावर का दौरा किया। इसमें उन्होंने रिद्धनाथ, सिद्धनाथ मंदिर, जोगा, शिवकरुणा धाम आश्रम सहित नर्मदा तट पर बने प्राचीन मंदिरों को देखा। अब इस योजना में तेजी से काम हो रहा है।

होम स्टे बनाने का यह है उद्देश्य

  • अध्यात्म, धर्म, स्थानीय कला और संस्कृति से लोगों का जुड़ाव होगा।
  • भागदौड़ भरे जीवन में लोग सुकून के पल गुजार पाएंगे।
  • उन्हें खाने में चूल्हे की रोटी, स्थानीय सब्जी व चटनी का जायका मिलेगा।
  • आसपास के पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटक घूमेंगे, इससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • देसी भाषा, ग्रामीण परिवेश को बढ़ावा मिलेगा।

 

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