मध्य प्रदेश

एमपी के राष्ट्रीय उद्यान में गूंजी किलकारियां, हाथियों के कुनबे में आया नन्हा मेहमान…

भोपाल। एमपी के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान इन दिनों खुशी से चहक रहा है। यहां की हथिनी अनारकली ने एक नन्ही हथिनी को जन्म दिया है। इस नन्हीं गजराज के जन्म का संयोग भी देखिए कि देश के दो महापुरुषों गांधी और शास्त्री जयंती के दिन उसका जन्म हुआ। इसलिए पार्क प्रबंधन ने भी इसे यादगार बनाने के लिए दोनों के नाम को मिलाकर उसका नाम गायत्री रख दिया। अब बांधवगढ़ पार्क में हाथियों की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो जाएगी। ये अनारकली का 8वां शिशु हाथी है। इसके पहले अन्य शिशु हाथियों को मप्र सहित देश के कई राज्यों के नेशनल पार्को में भेजा जा चुका है। अनारकली को 1983 में सोनपुर के मेला से पहले कान्हा नेशनल पार्क गया था और फिर वहां से इसे बांधवगढ़ शिफ्ट कर दिया गया। तब उसकी उम्र तकरीबन 20 वर्ष थी।  अब अनारकली के 58 साल के होने का अनुमान है। जबकि अनारकली की संतान का पिता पार्क के सबसे उम्रदराज गजराज गौतम को माना जाता है, जो अभी भी बांधवगढ़ के 14 हाथियों के कुनबे को संभाले हुए है।

सेहत बना रही अनारकली

किसी महिला प्रसूता की तरह गुड़, सोंठ, काजू और बादाम से अनारकली की सेहत का ख्याल रखा जा रहा है। दरअसल, दो दिन पहले सोमवार की रात अनारकली हाथी ने नन्हें कॉफ हाथी के बच्चा को जन्म दिया है। स्वास्थ्य परीक्षण में जन्मा मादा कॉफ बिल्कुल स्वस्थ है। नए मेहमान की किलकारियां गूंजते ही बांधवगढ़ में जश्न का माहौल है। स्वयं बांधवगढ़ डायरेक्टर मृदुल पाठक की देखरेख में अनारकली व उसके कॉफ को खानपान कराया जाता है। नए मादा कॉफ के आने से जहां कुनबे का विस्तार होगा, वहीं हाथियों के संकट से जूझ रहे टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए संजीवनी भी है।

 

इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है। रात में पारा 7 तथा दिन में 16 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। मादा हाथी अनारकली बीटीआर में हाथियों के कुनबे की सीनियर सदस्य है। पार्क प्रबंधन ने बताया कि सोमवार रात सुरक्षित कॉफ का जन्म हुआ है। जन्मोपरांत डॉ. नितिन गुप्ता, बांधवगढ़ डायरेक्टर ने दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जायजा लिया। पूरी तरह स्वस्थ होने पर कॉफ को मां का दूध भी पिलाया जा रहा है। साथ ही विशेष खानपान शुरू कर दिया गया।

 

हाथियों की कमी से जूझ रहा टाइगर रिजर्व

ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में हाथियों की कमी किसी से छिपी नहीं है। यहां कर्नाटक से हाथी लाए जाने का प्रस्ताव अंतिम चरण के बाद रद्द हो गया। वर्तमान में प्रबंधन के पास 12 हाथियों का दल है। बफर व कोर एरिया मिलाकर 1598 वर्ग किमी में अक्सर रेस्क्यू के दौरान इनकी मदद ली जाती है। हाथियों के इस दल के प्रमुख सदस्यों के नाम गौतम, गणेश, अनारकली, बांधवी, पंचाली, सूर्या आदि हैं। मादा में अनारकली व नर समूह में गौतम हाथी सीनियर हैं। इनके अलावा मई 2017 में सीधी जिले से उत्पादी 4 हाथियों को यहां रखा गया है। इन्हें टाइगर मानीटरिंग के गुर सिखाए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हाथियों की शिफ्टिंग रद्द होने के बाद हाथियों की कमी को चार नए हाथी प्रशिक्षण उपरांत पूरा करेंगे। वहीं नए कॉफ के वयस्क होने से उनका कुनबा भी लगातार बढ़ता रहेगा। यही कारण है कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन नए कॉफ की आवभगत में लगा हुआ है।

अनारकली की बांधवगढ़ में ये 8वीं संतान है

अनारकली की बांधवगढ़ में ये 8 वीं संतान है। इससे पहले वो यहां 7 बच्चों को जन्म दे चुकी है। इनका नाम सुदर्शनी, एरा, सूर्या, गणेश और लक्ष्मी रखा गया है। 8 बच्चों की मां बनकर अनारकली गजराजों की फौज के जरिये हाथियों के कुनबे में अपना दबदबा बनाये हुए है।

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