नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी द्वारा विमोचन किए गए बुकलेट पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी ने जताई आपत्ति; कहा- बता रहे गलत इतिहास …

नई दिल्ली। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बुकलेट का भी विमोचन किया था। ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम का गौरवशाली इतिहास’ शीर्षक से प्रकाशित इस बुकलेट में वाराणसी के धार्मिक इतिहास के बारे में जानकारी दी गई है। इसे लेकर ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी ने ऐतराज जताया है और बुकलेट पर बैन लगाने की मांग की है।

सिख संस्था की ओर से जारी बयन में मीडिया सचिव कुलविंदर सिंह रामदास ने कहा कि इस बुकलेट का वाराणसी में विमोचन किया गया था और इसे प्रसाद के तौर पर बड़ी संख्या में यूपी सरकार की ओर से बांटा गया।

संस्था ने आरोप लगाया कि इस बुकलेट में सिख इतिहास को गलत ढंग से पेश किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कुलविंदर सिंह रामदास ने कहा कि इसमें काशी से सिख धर्म को जोड़ते हुए गलत जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा, ‘बुकलेट में कहा गया है कि पंज प्यारे के साथ खालसा पंथ की स्थापना करने से पहले गुरुगोविंद सिंह ने उन्हें काशी भेजा था।

उन्होंने कहा था कि वे काशी जाएं और वहां सनातन धर्म के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें, जिसकी उन्हें रक्षा करनी है। बुकलेट में यह भी कहा गया है कि सिख पंथ की स्थापना सनातन धर्म को मुगलों के अत्याचार से बचाने के लिए की गई थी। ये दोनों ही बातें तथ्यों से परे हैं। इसे भ्रम पैदा करने की भावना और अज्ञानता के चलते लिखा गया है।’

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