नई दिल्ली

मोदी सरकार BSNL जैसी सरकारी कंपनी और संस्थाओं की जमीनें बेचेगी, नई कंपनी करेगी ये काम ….

नई दिल्ली। इस साल आम बजट से एक दिन पहले पेश आर्थिक सर्वे में राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) के गठन का जिक्र किया गया था। सर्वे में बताया गया था कि एनएलएमसी के पास केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की 3,400 एकड़ जमीन और अन्य एसेट की बिक्री के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। एमटीएनएल, बीएसएनएल, बीपीसीएल, बीएंडआर, बीईएमएल, एचएमटी लिमिटेड और इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड जैसी सरकारी कंपनियों ने भूमि मौद्रीकरण निगम के पास अपनी संपत्तियों के ब्योरे भेजे हैं।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हों या सरकारी एजेंसियां, इनकी खाली पड़ी जमीन, भवन या संपत्तियों को बेचकर सरकार पैसे जुटाएगी। इस काम के लिए केंद्र सरकार ने एक कंपनी का भी गठन कर दिया है। इस कंपनी का नाम है-राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम। इस कंपनी पर पूरी तरह से सरकार का मालिकाना हक होगा। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पहली बार इस तरह से संपत्तियों की बिक्री का प्रस्ताव रखा गया था। इसी कड़ी में सरकार ने अब कंपनी का गठन किया है।

आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार की प्रमुख एसेट की बिक्री से 6 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने की संभावना है। इनमें सड़कें, रेलवे, बिजली, तेल और गैस पाइपलाइन के अलावा दूरसंचार क्षेत्रों की संपत्तियां ही करीब 83 फीसदी हैं।

कई सरकारी कंपनियां ऐसी भी हैं जिनका रणनीतिक विनिवेश हुआ है या बंद हो गई हैं। सरकार की ओर से उठाया गया ये कदम ऐसी कंपनियों के लिए काफी अहम है। राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) सरकार के मोनेटाइजेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद के साथ तकनीकी सलाह भी देगा।

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