नई दिल्ली

अविमुक्तेश्वरानंद बद्रीनाथ ज्योतिषपीठ और सदानंद द्वारका शारदा पीठ के होंगे शंकराचार्य

नई दिल्ली। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ,  केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल समेत कई राजनेता पहुंचे थे। स्वरूपानंद के उत्तराधिकारियों का भी  ऐलान कर दिया गया है। उनके दो उत्तराधिकारी होंगे जो अलग-अलग पीठ के शंकराचार्य होंगे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया है। स्वामी स्वरूपानंद के पार्थिव शरीर के सामने ही उनके निजी सचिव रहे सुबोधानंद ने इन नामों की घोषणा की। बता दें कि स्वामी को नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में भू-समाधि दी जाएगी।

डॉक्टरों के मुताबिक स्वामी स्वरूपानंद की मौत माइनर हार्ट अटैक की वजह से हुआ है। वह पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे। जिन दोनों संतों को स्वरूपानंद का उत्तराधिकारी बनाया गया है वे दोनों ही दंडी स्वामी की पदवी प्राप्त कर चुके हैं।

बता दें कि स्वरूपानंद सरस्वती भी शंकराचार्य बनने से पहले दंडी स्वामी बने थे। उन्होंने शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती से दंड सन्यास की दीक्षा ली थी। इसके बाद 1981 में उन्हें शंकराचार्य की उपाधि मिली। उत्तराखंड के ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य की पदवी लिए उन्हें कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। बता दें कि वह 1952 से 2020 तक लगातार प्रयागराज के कुंभ में जाते थे। वे फर्जी शंकराचार्यों का विरोध भी कर चुके हैं।

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