बिलासपुर

कोटा से आए छात्रों के बेहतर खान-पान और व्यवस्था के लिए एसईसीएल ने दिया 20 लाख, विधायक शैलेश पांडेय ने कहा- थैक्यूं !

बिलासपुर। एसईसीएल ने कोचिंग के लिए राजस्थान के कोटा गए छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं के घर वापसी पर खुशी जाहीर करते हुए बिलासपुर कलेक्टर से मिले प्रस्ताव पर 20 लाख रुपए की सहायता राशि दी है। इस राशि से बच्चों के खान-पान, स्वास्थ्य सुविधाओं सहित अन्य जरुरतों पर खर्च किया जा सकेगा। बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय भी इसके लिए प्रयासरत थे। राशि स्वीकृत होने पर उन्होंने एसईसीएल के अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।

राजस्थान के कोटा में ऐसे तो हर वर्ष 8 से 10 हजार तक बच्चे छत्तीसगढ़ से कोचिंग के लिए जाते हैं। कोचिंग समाप्त हो जाने के बाद अभी इसी अप्रैल माह से नया बैच प्रारंभ होना था। इस वजह से बच्चे अभी वहां कम थे। छत्तीसगढ़ सरकार, राजस्थान सरकार और एलन कोचिंग समूह की ओर से संयुक्त प्रयास से अभी 2247 बच्चे कोटा से वापस छत्तीसगढ़ आए हैं। कई राज्यों ने तो राजस्थान से आने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर सीधे उनके पालकों को सौंप दिया मगर छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी बच्चों को 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन करने का निश्चय किया है। अभी दो दिन हुए हैं। 12 दिन और बच्चे अभी क्वारैंटाइन में रहेंगे। बच्चों को बेहतर खान-पान उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही थी।

बिलासपुर कलेक्टर ने एक पत्र लिखकर एसईसीएल प्रबंधन से 20 लाख रुपए की मांग की थी। होनहार बच्चों के लिए एसईसीएल ने तुरंत हामी भर दी और पैसा जिला प्रशासन को सौंप दिया। बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय इसके लिए प्रयास रत थे। दिल्ली बुलेटिन से बातचीत करते हुए श्री पांडेय ने बताया कि एसईसीएल बिलासपुर ने बच्चों की सुविधा के लिए 20 लाख रुपए दिया है। इस राशि का उपयोग खान-पान व स्वास्थ्य सुविधाओं में किया जाएगा। एसईसीएल के अधिकारियों का मैं आभार व्यक्त करता हूं, उन्हें धन्यवाद देता हूं जो इस संकट की घड़ी में बिलासपुर वासियों के साथ है।

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