नई दिल्ली

आयकर विभाग की छापेमारी में फिर मिला नोटों का पहाड़, झारखंड के इन 2 विधायकों से मिला ‘कालेधन का खजाना’ ….

नई दिल्ली। झारखंड के दो विधायकों और उनके सहयोगियों समेत कुछ कारोबारियों पर छापेमारी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 100 करोड़ से अधिक के बेनामी लेनदेन और निवेशों का पता लगाया है। सीबीडीटी ने कहा कि 4 नवंबर को झारखंड के रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, बिहार के पटना, हरियाणा के गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत 50 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने छापे के दौरान 2 करोड़ रुपए की नकदी भी बरामद की, जिन्हें गिनने के लिए मशीनों का सहारा लिया गया। 

इनकम टैक्स ने कांग्रेस के दो विधायकों के ठिकानों पर तलाशी ली थी, जिनकी पहचान अधिकारियों ने कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह और प्रदीप यादव के रूप में बताया। बेरमो सीट से विधायक जयमंगल ने भी रांची में आवास के बाहर मीडिया से बात करते हुए ऐक्शन की पुष्टि की और कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं।

सीबीडीटी ने बयान में कहा है कि यह ऐक्शन कुछ कारोबारी समूहों के खिलाफ लिया गया था जो लौह अयस्क के खनन, लोहे के उत्पादन, कोयले के व्यापार, ढुलाई और ठेकेदारी से जुड़े हुए हैं। सीबीडीटी ने कहा कि जिन लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली गई उनमें दो राजनीति से संबंधित और उनके सहयोगी हैं। सीबीडीटी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए नीति बनाने वाली संस्था है।

सीबीडीटी ने कहा कि 2 करोड़ रुपए से अधिक कैश की बरामदगी भी की गई है और अभी तक 100 करोड़ से अधिक की बेनामी लेनदेन / निवेश का पता लगाया गया है। छापेमारी में बड़ी संख्या में दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी मिले हैं। सीबीडीटी ने कहा, ”इन सबूतों के प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि इन समूहों ने टैक्स चोरी के लिए कई तरह के रास्ते अपनाए।

जयमंगल ने अगस्त में अपनी पार्टी के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि वे झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। जुलाई में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के तीन विधायकों को नकदी के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद शिकायत दर्ज की गई थी।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता राजीव रंजन ने छापेमारी वाले दिन आरोप लगाया था कि कर विभाग की कार्रवाई गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के अभियान का हिस्सा है।

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