पंचायत और नगरीय क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों का संविलियन 1 जनवरी से लेकिन आचार संहिता के चलते संशय की स्थिति
बिलासपुर।
राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक पंचायत और नगरीय निकाय में कार्य करने वाले शिक्षकों का संविलियन 8 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूर्ण करने के बाद किया जाना है। पहले नगरीय निकाय और फिर अब पंचायत के लिए आचार संहिता लागू होने के कारण जनवरी 2020 में संविलियन का काम होना है या नहीं यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन सचिव गौरव द्विवेदी द्वारा 2 जुलाई 2018 को जारी निर्देश के मुताबिक ही संविलियन का काम किया जा रहा है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि 8 वर्ष सेवाकाल पूर्ण करने वाले शिक्षकों को साल में दो बार 1 जनवरी की स्थिति में और 1 जुलाई की स्थिति में संविलियन किया जाना है। अभी जो संविलियन की कार्रवाई पूरे प्रदेश भर में की जा रही है वह इसी निर्देश के मुताबिक है। मंत्रालयीन सूत्राें के मुताबिक संविलियन के कार्य में आचार संहिता बाधक नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह नई नियुक्ति, प्रमोशन या स्थानांतरण नहीं है। यह एक सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है। चूंकि इस संदर्भ में कोई दिशा-निर्देश आया नहीं है इसलिए जिला स्तर पर वरिष्ठता सूची बनाने का काम चल रहा है लेकिन संविलियन के संबंध में आदेश जारी होगा या नहीं अभी स्पष्ट नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने पंचायत और नगरीय निकाय क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों का संविलियन 1 जनवरी 2020 से करने के निर्देश दिए हैं। आठ वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। शिक्षकों की वरिष्ठता सूची 26 दिसंबर 2019 तक भेजने को कहा गया था।
प्रदेश के सभी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की ओर से नगर निगम कमिश्नर, जनपद के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सभी विकासखंड शिक्षाधिकारी, नगर पालिका और नगर पंचायतों के सीएमओ को एक परिपत्र भेजा गया है। इस परिपत्र में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक/ f12/3/2018/20 के तहत शिक्षकों का संविलियन किया जाना है। पंचायत और नगरीय क्षेत्र में कार्यरत ऐसे शिक्षक जिनकी सेवाएं 1 जनवरी 2020 की स्थिति में 8 वर्ष या उससे अधिक होगी उनका संविलियन शिक्षा विभाग में किया जाना है। ऐसे शिक्षकों का डाटा बेस और कर्मचारी संपदा का कार्य पूर्ण कराते हुए वरिष्ठता सूची दावा आपत्ति उपरांत जिला पंचायत कार्यालय में 26 दिसंबर 2019 तक साफ्ट एवं हार्ड कॉपी के साथ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
जिला पंचायत सीईओ ने यह भी कहा है कि डाटा तैयार करने में एकरूपता पर ध्यान देना है। पंचायत और नगरीय निकाय क्षेत्र में कार्यरत व्याख्याता की सूची लीगल पेज, संलग्न प्रपत्र और प्रमाण पत्र के साथ देना है। इसी तरह शिक्षक और सहायक शिक्षकों की जानकारी भी अलग अलग प्रपत्र में भेजना हैँ। यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे शिक्षक जो निलंबित रहे हों लंबे समय से अनुपस्थित हो या जिनका न्यायालय में प्रकरण चल रहा हो उसका भी उल्लेख करना है। जिला पंचायत के सीईओ द्वारा जारी परिपत्र संलग्न है।