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गहलोत सरकार पर छाए सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक, 107 विधायक मौजूद

जयपुर । राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई। बैठक में 107 विधायक मौजूद रहे। बैठक में किन मुद्दों पर बात हुई इसका ब्यौरा नहीं मिल पाया है लेकिन बैठक के बाद विधायक बसों में सवार होकर मुख्यमंत्री आवास से निकल चुके हैं। बैठक में पायलट के करीबी माने जाने वाले कुछ विधायक नहीं पहुंचे थे। ये विधायक जीआर खटाना, हरीश मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, वेद प्रकाश, मुकेश भाकर और रामनिवास गवरिया हैं।

गौरतलब है कि पार्टी पहले ही दावा कर चकी है कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है। पार्टी ने उप मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट के दावे को खारिज कर दिया है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। बता दें कि पार्टी ने इस बैठक को लेकर व्हिप जारी किया है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने जानकारी दी थी कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बगैर किसी सूचना के न शामिल होने वाले विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

   यह है राजस्थान का “गणित”   

यदि कांग्रेस के दो दर्जन विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो कांग्रेस के 83, बीजेपी-रालोपा के 75 विधायक होंगे.बहुमत के लिए 89 एमएलए की जरूरत होगी, मतलब- कांग्रेस को सिर्फ 6 निर्दलीय विधायकों को साथ लेना होगा.बीजेपी को सरकार बनाने के लिए निर्दलीय और अन्य दलों के 18 में से 14 एमएलए की आवश्यकता होगी.

सचिन पायलट खेमे के 24  कांग्रेसी विधायक मानेसर और गुड़गांव के होटलों में ठहरे हैं, तो पायलट भी दिल्ली में हैं. लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि पायलट केवल नाराज हैं या ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा कोई बड़ा सियासी फैसला भी ले सकते हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी, उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है.

   राजस्थान को लेकर बड़े नेताओं के ये भी है बयान   

  • उधर, विधायक खरीद फरोख्त पर राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि- पार्टी और सरकार में सभी विधायक एकजुट हैं.
  • इस सियासी तूफान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ट्विटर पर केवल सात्विक संदेश दे रहीं हैं, जबकि सचिन पायलट ने 10 जुलाई के बाद कोई ट्वीट ही नहीं किया है.
  • यदि मध्यप्रदेश की राजनीतिक कहानी राजस्थान में भी दोहराई जाती है, तब भी राजस्थान, एमपी जितना आसान नहीं है.
  • इस वक्त कांग्रेस के 107 विधायक हैं, इनके अलावा गहलोत को एक दर्जन से ज्यादा निर्दलीय और अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है. भाजपा और रालोपा के 75 एमएलए हैं.

   अंसतुष्ट विधायकों से सोनिया गाँधी अभी नहीं मिलेगी    

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फिलहाल राजस्थान के अंसतुष्ट विधायको से मिलने से इनकार कर दिया। सचिन पायलट खेमे के करीब दो दर्जन विधायक सोनिया से मिलकर अपनी बात रखना चाहते है लेकिन मैडम की ओर से इन विधायकों को सूचित किया गया कि तबियत खराब होने की वजह से मैडम नही मिल सकती है। अब अंसतुष्ट नई रणनीति अपना रहे है । जब तक मैडम से मुलाकात नही हो जाती है। तब तक पायलट गुट कोई निर्णायक कदम नही उठाना चाहता।


 

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