लेखक की कलम से

मानव अपना लक्ष्य बनाओ …

चौपाई

 

 

चिड़िया आज चिड़ा से कहती।

हर्षित हुए गगन अरु धरती ।।

वाहन की अब शोर नहीं है।

आज पवन में गरल नहीं है।।

      प्रदूषण मुक्त जल है देखो।

     निश्चित अपना कल है देखो ।।

     सिंधु शुद्ध जल पा हरषाया।

     मेघ प्रेम से जल बरसाया ।।

वर कहें या श्राप कोरोना।

बेश कीमती क्षण ना खोना।।

परिवार संग समय बिताओ।

गाँठ पड़े बंधन सुलझाओ ।।

    काम काज का बोझ नहीं है।

    खुद को जानो समय सही है।।

    मानव अपना लक्ष्य बनाओ।

    नाम राम का जपते जाओ ।।

©श्रीमती रानी साहू, मड़ई (खम्हारिया)

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