बिलासपुर । सिंचाई विभाग की नहरों पर लंबे समय से कब्जा किया जा रहा है, लेकिन ऐसे मामलों का खुलासा होने पर भी पक्का निर्माण होने के बाद विभाग ने नोटिस जारी किया है। निर्माण की शुरुआत में ही विभाग ने ऐसे मामलों को संज्ञान में लिया होता तो शायद पक्के निर्माण नहीं हो पाते। ताजा मामला बिरकाेना, आशाबन, खमतराई रोड और बहतराई का है जहां लोगों ने नहर को पाटकर सड़क बना ली। मकान बनाने के बाद बाउंड्रीवाल भी बना ली गई। यही नहीं अवैध प्लाटिंग भी कर दी है।
सिंचाई विभाग की छोटी नहर को पाटकर रोड बनाने के साथ मकान और बाउंड्रीवॉल तक बना ली गई। इतने समय तक सिंचाई विभाग के अफसरों ने मौके पर झांका तक नहीं। अब जानकारी मिलने के बाद बिरकोना के ऐसे 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। इसके पहले भी नहर की जमीन पर पूरी कॉलोनियां बसा ली गई।
यहां नगर निगम के ठेका कम्पनी ह्यूम पाइप लिमिटेड और शासकीय विभाग के लोगों पर भी नहर को पाटकर रोड बनाने का आरोप है। वर्तमान में यहां सिंचाई नहीं होने की वजह से छोटी नहर की उपयोगिता तकरीबन समाप्त हो गई है।
विभाग नोटिस देने के बाद नहर की जमीन के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग को सभी मामला सुपुर्द कर रहा है। बिलासपुर तहसील नहर पर अतिक्रमण के ऐसे 50 मामलों पर सीमांकन और उसके बाद बेदखली की कार्रवाई चल रही है।
बहतराई से मोपका जाने वाली वितरक नहर के बगल से 8 से अधिक कॉलोनियां बस चुकी है। अधिकांश कॉलोनियां के मालिकों ने नहर को पाटकर ही उसे काॅलोनी का प्रवेश मार्ग तक बना लिया है। कब्जा करने के बाद बाकायदा उस पर नहर रोड का बोर्ड तक टांग दिया है। निजी लोगों के अलावा इस नहर पर नगर निगम का नाला निर्माण भी हो चुका है।
इन्हें नोटिस भेजा गया
अनिल सिंह ठाकुर, नारू सिंह सूर्यवंशी, भैय्या दास बैरागी, महाजन साहू, कन्हैया ट्रेडर्स, शिवकुमार ठाकुर, सतीश, लालू, सुभाष यादव, अश्वनी सूर्यवंशी।