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मंदसौर में की मानवाधिकार हनन मामलों की सुनवाई, 16 मामलों का हुआ मौके पर अंतिम निराकरण …

भोपाल (कैलाश गौर)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 30 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय, मंदसौर के सभागार में मानव अधिकार हनन के लम्बित मामलों की सुनवाई की। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन एवं सदस्य मनोहर ममतानी ने सभी लम्बित मामलों की सीधी सुनवाई की। इस अवसर पर आयोग के उप सचिव सुनील कुमार जैन, कलेक्टर मंदसौर मनोज पुष्प, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चैधरी, अपर कलेक्टर आर.पी. वर्मा सहित अन्य जिलाधिकारी एवं संबंधित मामलों के आवेदक भी मौजूद थे।

आयोग द्वारा यहां कुल 20 प्रकरणों में सुनवाई की गई। इनमें से चार प्रकरण कलेक्टर कार्यालय एवं सोलह प्रकरण पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संबंधित थे। आयोग द्वारा इन सभी लम्बित प्रकरणों में से 16 का अंतिम निराकरण कर दिया गया। शेष चार प्रकरणों में से तीन मामलों में (एक कलेक्टर कार्यालय एवं दो पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संबंधित) अंतिम प्रतिवेदन चाहा गया है। एक प्रकरण (पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संबंधित) में आवेदक से प्रतिक्रिया चाही गई है। आयोग को यहां एक नया आवेदन भी मिला, जिसे दर्ज कर लिया गया। यह पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संबंधित है।

कलेक्टर कार्यालय से संबंधित तीन मुआवज़ा प्रकरणों के बारे में कलेक्टर ने बताया कि सुखेल हाट चैक, तहसील रामगंजमंडी, जिला कोटा (राजस्थान) निवासी श्रीमती लीलाकुंवर पति कमलसिंह राजपूत के दो बच्चों की दुर्घटनावश झील में डूबने से मृत्यु हो जाने पर श्रीमती लीलाकुंवर को चार लाख रूपये की राहत राशि का भुगतान पहले ही किया जा चुका है, शेष चार लाख रूपये का भुगतान अगले दो दिनों में कर दिया जायेगा।

दूसरे मामले में ग्राम मकड़ावन, तहसील शामगढ़, जिला मंदसौर निवासी श्रीमती विष्णुकुंवर की दुर्घटनावश कुंए में गिरकर मृत्यु हो जाने पर उसके पति दशरथ सिंह राजपूत को चार लाख रूपये के भुगतान के लिये आयोग द्वारा कलेक्टर मंदसौर को 15 दिन का समय दिया गया।

तीसरे मामले में ग्राम बांसखेड़ी, तहसील मल्हारगढ़, जिला मंदसौर निवासी श्रीमती गीताबाई की घर में कपड़े सुखाते समय बिजली के तार से करंट लगने से मृत्यु हो जाने पर गरीबी रेखा से नीचे का परिवार होने के कारण मृतिका के पुत्र भगवतीलाल शर्मा को मुख्यमंत्री सहायता योजना के तहत पहले ही तीस हज़ार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

आयोग के निर्देश पर कलेक्टर मंदसौर ने आवेदक को जिला रेडक्रास से 20 हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जैन एवं सदस्य ममतानी द्वारा भगवतीलाल को मौके पर ही 20 हजार रूपये का चेक वितरित किया गया।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन एवं सदस्य मनोहर ममतानी ने 30 जुलाई को जिला जेल मंदसौर का निरीक्षण किया। जिला जेल मंदसौर के निरीक्षण के दौरान आयोग के पदाधिकारियों ने प्रभारी जेल अधीक्षक से सज़ायाफ्ता एवं विचाराधीन बंदियों की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु जांच व उपचार व्यवस्था की सम्पूर्ण जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यहां सभी बंदियों की स्वास्थ्य पुस्तिकाएं बनी है, जिसमें उनकी हेल्थ अपडेट्स व अन्य जानकारियां दर्ज की जाती हैं।

आयोग पदाधिकारियों ने प्रभारी जेल अधीक्षक को निर्देश दिये कि जेल परिसर व बैरकों में बंदियों के लिये बनाये गये टायलेट्स में लोहे के एंगल की जगह बारीक जाली लगाई जाये। आयोग के पदाधिकारियों ने बंदियो को दी जाने वाली विधिक सहायता (लीगल एड) पैरोल, रेफरल प्रोसेस, बैरकों में उपलब्ध सुविधाओं, पेयजल, भोजन निर्माण एवं वितरण व्यवस्था, साफ-सफाई, परिजनों से मुलाकात सहित अन्य विषयों पर भी विस्तार से जानकारी ली। प्रभारी जेल अधीक्षक पीके सिंह ने बताया कि जिला जेल मंदसौर में इस समय कुल 617 बंदी हैं, जिसमें 102 सज़ायाफ्ता एवं 515 विचाराधीन बंदी हैं। कुल बंदियों में 591 पुरूष एवं 26 महिला बंदी हैं।

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