रायपुर

होली के पूर्व शिक्षकों को जोर का झटका : बीएड, डीएड और बीटीआई करने पर अब दो अग्रिम वेतनवृद्धि की पात्रता समाप्त

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने पूर्व में बीएड, डीएड और बीटीआई प्रशिक्षण प्राप्त् करने के लिए दी जा रही दो अग्रिम वेतनवृद्धि के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि पहले शिक्षकों की भर्ती में यह सब अनिवार्य नहीं था इसलिए प्रोत्साहन स्वरूप अग्रिम वेतनवृद्धि का प्रावधान किया गया लेकिन अब बिना प्रशिक्षण के शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है। ऐसे में वेतनवृद्धि को औचित्यहीन कहा गया है। यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के जो नियम लागू हैं वे सभी मध्यप्रदेश से लिया गया है। मध्यप्रदेश में भी इसे समाप्त किया जा चुका है।

स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव एआर खान के हस्ताक्षर से आज 7 मार्च 2020 को एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि शासकीय कर्मचारियों को अग्रिम वेतनवृद्धियां पद पर भर्ती के लिए जो आर्हता न्यूनतम रूप से आवश्यक मानी गई है उससे अधिक योग्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है। 16 जून 1993 के पूर्व तक शिक्षक के पद पर भर्ती में बीएड, बीटीआई और डीएड की अनिवार्यता नहीं थी। इसे गुणवत्ता के लिए उपयोगी माना गया और ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को 2 अग्रिम वेतनवृद्धि प्रोत्साहन स्वरुप दिए जाने का प्रावधान रखा गया।

यह नियम मध्यप्रदेश शासन में लागू था, बाद में इसे समाप्त कर दिया गया। 1 जनवरी 1998 से सीधी भर्ती बंद कर शिक्षाकर्मियों की भर्ती प्रारंभ की गई। छत्तीसगढ़ में भी 1 जनवरी 1998 के बाद स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग में व्याख्याता की सीधी भर्ती नहीं की गई। 14 जून 1993 के बाद शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएड, बीटीआई और डीएड प्रशिक्षण न्यूनतम शैक्षणिक आर्हता माना गया। इसलिए अब 2 अग्रिम वेतनवृद्धि की पात्रता नहीं है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 जून 2018 को जारी आदेश में 8 वर्ष या उससे अधिक सेवा पूर्ण कर चुके पंचायत और नगरीय निकाय कर्मियों को शिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया। इसमें भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में प्रशिक्षण प्राप्त करना शामिल है। ऐसे में 16 जून 1993 के बाद नियुक्त शिक्षक  E&T संवर्ग को अग्रिम वेतनवृद्धि की पात्रता नहीं होगी।

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