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जय स्तंभ चौक पर लगेगी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा, अंग्रेजों ने लटकाया था फांसी पर …

रायपुर । बालौदाबाजार जिले के सोनाखान में जन्मे शहीद वीर नारायण सिंह बड़ी शख्सियत थे। जमींदार परिवार से होने के बाद भी उन्होंने आजादी को चुना और लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। शहीद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के गोदाम से अनाज लूटकर गरीबों में बंटवा दिया था। शहीद वीर नारायण सिंह के विद्रोह को लेकर अंग्रेजों में खासी नाराजगी थी।

अंग्रेज चाहते थे कि यह विद्रोह खत्म हो जाए और लोगों में भय पैदा हो। अंग्रेजों ने शहीद वीर नारायण को गिरफ्तार कर रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद कर दिया। 10 दिसंबर 1857 को जयस्तंभ चौक पर अंग्रेजी सरकार ने शहीद वीर नारायण सिंह को फांसी दे दी थी।

रायपुर के जयस्तंभ चौक पर शहीद वीर नारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार जिले के सोनाखान में आयोजित सभा में यह घोषणा की। इस दौरान बघेल ने सोनाखान को तहसील बनाने का भी ऐलान किया है। सीएम ने सोनाखान में शहीद वीर नारायण की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। सोनाखान, सराईपाली और बसना में अंग्रेजों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई, जिसमें अंग्रेजों को वापस लौटना पड़ा था। वे लोगों के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहते थे।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल शहीद वीर नारायण सिंह ने फूंका था। हमारी सरकार शहीद वीर नारायण सिंह के आदर्शों पर चलकर गांव, गरीब और किसानों के कल्याण में जुटी हुई है। किसानों के आर्थिक सामाजिक विकास के कार्यों से हम जरा भी पीछे नहीं हटेंगे। किसानों का सर्वागीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विपरित परिस्थितियों एवं अड़ंगेबाजी के बावजूद हम किसानों की उपज को घोषणा अनुरूप खरीद रहे हैं।

इस वर्ष 1 करोड़ 5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह ने समाज में असमानता को दूर करने का भी बीड़ा उठाया था। उनके इस आदर्श पर हमारी सरकार चल रही है।

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