नई दिल्ली

इमरजेंसी ठीक थी, ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा… राहुल का बचाव कर शिवसेना ने सरकार व आरएसएस पर बोला तीखा हमला …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । राहुल गांधी के पिछले दिनों इमरजेंसी को गलत बताने वाले बयान पर शिवसेना ने रविवार को प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कॉलम लिखकर राहुल गांधी को सरल और खुले दिल वाला बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि इमरजेंसी का मुद्दा पुराना हो चुका है। जनता इंदिरा गांधी को सबक भी सिखा चुकी है और बाद में माफी देते हुए वापस सत्ता भी सौंपी।

शिवसेना ने बार-बार इमरजेंसी के मुद्दे को ही क्यों पीसना है। शिवसेना ने कहा कि इमरजेंसी में जिन लोगों को दिक्कतें हुईं, लोगों को जो जुल्म सहना पड़ा, उस पर इंदिरा गांधी ने खेद प्रकट किया।उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कबूल किया और कहा कि इमरजेंसी फिर लागू नहीं की जाएगी। शिवसेना ने कहा कि आज की स्थिति को देखकर यह भी कहना गलत नहीं होगा कि इमरजेंसी ठीक थी।

मुखपत्र सामना के कॉलम रोखठोक में लिखा, ”इमरजेंसी की घटना गलत थी, यह मेरी दादी ने माना है। अभी के समय में देश की परिस्थिति उस समय की तुलना में पूरी तरह से अलग है, ऐसा मत राहुल गांधी ने व्यक्त किया है। राहुल गांधी सरल एवं खुले दिलवाले हैं। इमरजेंसी पर उन्होंने सहजता से बोल दिया और उस पर पिसाई शुरू हो गई, चर्चा शुरू हो गई।”

शिवसेना ने कहा कि इमरजेंसी को इंदिरा गांधी ने एक विशेष परिस्थितियों में लागू किया था और उसे हुए जमाना बीत चुका है। जिनका इमरजेंसी से कभी संबंध नहीं रहा, ऐसी पीढ़ी राजनीति, पत्रकारिता में है। उस समय का जिन पर कभी साया नहीं पड़ा, ऐसे लोग मंत्रिमंडल में हैं। शिवसेना ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग आज भी इमरजेंसी के नाम पर चक्की पीस रहे हैं और इस पर आश्चर्य होता है।

शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कॉलम में लिखा कि आज की स्थिति ऐसी है कि इमरजेंसी ठीक थी, ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा। बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप समेत चार लोगों पर आयकर विभाग के छापा मारने की भी खबर मिली। ये चारों लोग वर्तमान स्थिति पर बोलते रहते हैं और आलाचना करते हैं। इसके बाद ही इन चारों पर छापा पड़ा। इसका मतलब यह है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में इन चार लोगों को छोड़कर बाकी सभी ईमानदार हैं।

वहीं, आर्टिकल में आगे लिखा गया कि वॉशिंगटन पोस्ट ने मोदी सरकार के अघोषित आपातकाल पर सवाल खड़े किए हैं। दिशा रवि नामक 22 साल की लड़की को देशद्रोह के नाम पर सीधे जेल में डाल दिया गया। किसान आंदोलन का समर्थन करने के चलते उस पर यह कार्रवाई की गई। ऐसा कहना वॉशिंगटन पोस्ट का है। 22 साल की लड़की से सरकार इतना क्यों घबरा रही है? क्या यह सबसे बड़े लोकतंत्र को शोभा देता है?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को दादी इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी (आपातकाल) को गलत बताया था। उन्होंने कार्नेल यूनिवर्सिटी के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिसमें उनके साथ सैम पित्रोदा, प्रोफेसर कौशिक बसु भी थे। कांग्रेस नेता ने कहा था कि इमरजेंसी गलत थी, लेकिन जो अभी हो रहा है और जो उस समय हो रहा था, दोनों में काफी बड़ा फर्क है। कांग्रेस पार्टी ने कभी भी भारत के संवैधानिक ढांचे को हथियाने की कोशिश नहीं की। पार्टी का डिजाइन इसकी अनुमति नहीं देता है। अगर हम चाहें भी तो ऐसा नहीं कर सकते हैं।

वहीं, आरएसएस पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस जो कर रहा है, वह मौलिक रूप से कुछ अलग है। वह अपने लोगों से संस्थानों को भर रहा है। यहां तक कि अगर हम चुनाव में बीजेपी को हराते हैं, तो हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा पाने के लिए अपने लोगों की भर्ती नहीं करेंगे।

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