मध्य प्रदेश

यूपी के अतीक हत्याकांड के आरोपी के एमपी कनेक्शन पर दिग्विजय ने उठाए सवाल

पूर्व सीएम ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को घेरा, कहा- अतीक के नेताओं, अधिकारियों से संबंधों की सीबीआई करे जांच

भोपाल। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद के नेताओं, अफसरों और व्यवसायिक लोगों से संबंध की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि माफिया का मुखिया भले ही खत्म हो गया, पर माफिया बाकी है। अतीक की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या को लेकर उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी सवाल उठाए। साथ ही लवलेश तिवारी के मध्य प्रदेश से संबंध को लेकर कहा कि क्या गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बताएंगे, क्या उनका उसको संरक्षण था।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को मीडिया से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या के मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए। सीबीआई, ईडी और आईटी को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उनके किन नेताओं, अधिकारियों और व्यवसायिक लोगों से संबंध थे। लवलेश तिवारी के बालाघाट से जुड़े होने के विषय को लेकर उन्होंने कहा कि गृहमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या उसे उनका संरक्षण था। विकास दुबे ने भी मध्य प्रदेश को ही क्यों चुना था।

दरअसल, लवलेश तिवारी की फेसबुक प्रोफाइल से पता चला है कि 2021 में वह बालाघाट में रहा है। यहां रहते हुए उसने अपनी फोटो फेसबुक पर पोस्ट की हैं। बालाघाट में उसके रेत माफिया के साथ काम करने की बात भी सामने आ रही है। दिग्विजय ने लवलेश की इन्हीं पोस्ट को मुद्दा बनाते हुए विकास दुबे का मामला उठाते हुए कहा कि विकास दुबे जब महाकाल मंदिर पहुंचा था और सरेंडर हुआ था, तभी मैंने कहा था कि इसकी सुरक्षा होनी चाहिए। विकास दुबे ‘जी’ ने महाकाल मंदिर क्यों चुना? अब आप कहेंगे विकास को ‘जी’ क्यों कहा? ये व्यंग्य है। विकास दुबे एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था, लेकिन उसने महाकाल मंदिर और मध्यप्रदेश को क्यों चुना? इसमें गृहमंत्री जी का कहीं कोई संबंध तो नहीं था।

दिग्विजय बाले- अतीक ने कई बिल्डर, नेता और अधिकारियों के नाम लिए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं इलाहाबाद गया था, तो लोगों ने बताया था कि अतीक ने हिंदुओं से ज्यादा मुसलमानों पर अपराध किए हैं। उसके बेटे का एनकाउंटर पुलिस का था। लेकिन, पुलिस कस्टडी में अतीक की हत्या हुई, इसकी जवाबदारी यूपी पुलिस पर आती है। अतीक और उसके परिवार के लोगों ने भी कहा था कि उसे एनकाउंटर में मार दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट तक वे गए थे। कई बिल्डर, नेता, अधिकारियों के नाम अतीक अहमद ने लिए हैं। इनका खुलासा होना चाहिए।

हेड तो चला गया, लेकिन माफिया अभी जिंदा है

उन्होंने कहा कि मैंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि जांच आयोग के ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ में ये भी डालिए कि अतीक अहमद से किन-किन लोगों से संबंध थे। माफिया का हेड तो चला गया, लेकिन माफिया तो जिंदा है। उन माफियाओं को खत्म करना चाहिए। कई जगह आपराधिक मामलों की जांच सीबीआई, ईडी, आईटी कर रही है, तो उन लोगों की जांच भी होनी चाहिए, जिनके व्यवसायिक संबंध अतीक के साथ थे।

सवाल पूछने पर मेरे पीछे पड़ जाती है ट्रोल आर्मी

दिग्विजय सिंह ने पुलवामा अटैक पर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सत्यपाल मलिक के बयान पर कहा कि मैं जब भी पुलवामा पर कुछ कहता हूं, तो बीजेपी, ट्रोल आर्मी पीछे पड़ जाती है। दुनिया भर की बातें करते हैं। मुख्यमंत्री ने देशद्रोह का आरोप लगा दिया। जब मैं थाने गया तो पुलिसवालों ने लिखकर दिया कि आपके ऊपर कोई केस दर्ज नहीं है। हमारे भाजपा के आईटी सेल, बजरंग दल के लोग आईएसआई से पैसा लेकर देश की जासूसी कर रहे हैं। उन पर एनएसए क्यों नहीं लगाया। सतना का बलराम सिंह, भोपाल का ध्रुव सक्सेना खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे 20 लोग हैं, जो आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे थे। इन पर शिवराज सिंह ने एनएसए क्यों नहीं लगाया।

प्रत्येक जिले में कांग्रेस करेगी वकीलों की तैनाती

इसके पहले आज ही दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रशासनिक अत्याचार निवारण समिति की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के मामले में पार्टी उनकी लड़ाई लड़ेगी। इसके लिए सभी जिलों में अधिवक्ताओं की तैनाती की जाएगी, जो न्यायालय में उनकी नि:शुल्क पैरवी करेंगे। गैर कानूनी ढंग से कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को भी कोर्ट में खड़ा किया जाएगा। कार्यकर्ताओं को प्रत्येक जिले में सक्रिय कर भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े उन कार्यकर्ताओं की सूची भी तैयार की जाएगी, जिनके विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह जानकारी सूचना का अधिकार के तहत एकत्रित की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में मतदाता सूची में जो गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, उन्हें भी उजागर किया जाएगा। साथ ही निर्वाचन आयोग को सूचित किया जाएगा, ताकि चुनाव से पूर्व सूची के शुद्धिकरण का काम हो सके।

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