नई दिल्ली

दिल्ली दरबार: शरद पवार की नई रणनीति या प्रशांत किशोर का नया दांव …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं। कहा जा रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व में अब तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी चल रही है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करेगी।

रोचक बात यह है कि इस पूरी कवायद के पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का हाथ माना जा रहा है। लेकिन दिल्ली दरबार में खबरें कुछ हटकर है। शरद पवार विपक्षी दलों के साथ बैठक कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस को इस बैठक से दूर रखा गया है। दरअसल कहानी कुछ और भी है। शरद पवार एक बात भली भांति जानते हैं कि अभी तीसरा मोर्चा बड़ा आकार नहीं ले सकता। क्योंकि इससे पहले भी कई बार विपक्षी दलों की एकजुटता होते होते बिखर चुकी है। कारण साफ है कि नेता कौन होगा, दूसरी बात इन दलों का अपने अपने राज्यों में तो जनाधार है लेकिन दूसरे राज्यों में कोई प्रभाव नहीं है।  ऐसे में यह कैसा विपक्ष होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हाँ कांग्रेस भी इसमें शामिल होती तो शायद विपक्ष की एकजुटता की तस्वीर कुछ और होती।

दूसरी तरफ बात प्रशांत किशोर की । क्या प्रशांत किशोर तीसरे मोर्चे की रणनीति को कामयाब कर पाएंगे। इसका जबाब हाँ भी हो सकता है और ना भी। हाँ इसलिए कि अगर विपक्षी दल साझा तरीके से एक दूसरे को सहयोग करे। न इसलिए कि हर बार दांव नहीं चलता है। प्रशांत किशोर रणनीतिकार हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा वह भी प्रशांत किशोर का ही दांव था। पश्चिम बंगाल में प्रशांत किशोर की रणनीति नहीं ममता बनर्जी की आक्रामक तेवर ने जीत दिलवाई। प्रशांत किशोर का यह नया दांव है लेकिन यह दांव कितना सफल होगा आने वाला समय ही बताएगा।

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