मध्य प्रदेश

पत्नी-बच्चों के साथ जहर पीने वाले ठेकेदार की छोटी बेटी की मौत

कर्ज से परेशान होकर परिवार सहित सुसाइड करने की कोशिश का उठाया था भयावह कदम

भोपाल। पत्नी और 4 बच्चों के साथ जहर पीने वाले सेंटिंग ठेकेदार किशोर जाटव की सबसे छोटी बेटी पूरवा (8 वर्ष) ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हमीदिया अस्पताल में दंपती, दो बच्ची और एक बेटा भर्ती हैं। बच्चे की हालत भी नाजुक बनी हुई है। इधर, बुधवार रात बाल आयोग की टीम भी अस्पताल पहुंची। आयोग की टीम ने बच्चों की तबीयत के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली।

बुधवार देर शाम अस्पताल में बड़ी बेटी कंचन जाटव (15 वर्ष) को होश आया। बच्ची ने खुदकुशी की कोशिश वाली रात की घटना बताई। कंचन के अनुसार रात में हम सभी लोग सो रहे थे। आधी रात को पापा आए। उन्होंने सभी को जगाया। इसके बाद हम सभी को दूध पिलाया। हमें कुछ पता नहीं था। दूध पीकर हम सो गए। सभी लोग बेसुध हो गए। इसके बाद हमें पता नहीं चला। होश आया तो अस्पताल में भर्ती थे।

खजूरी थाना प्रभारी संध्या मिश्रा के मुताबिक ठेकेदार ने बयान में बताया कि उसके ऊपर काफी कर्ज है। कर्ज उसने ब्याज पर ले रखा है। हालांकि, वह यह नहीं बता सका कि कितना कर्ज लिया है, किन लोगों से लिया है। उसने किसी पर प्रताड़ित करने का आरोप भी नहीं लगाया। जांच में भी सामने आया है कि ठेकेदार के ऊपर बैंक का कर्ज नहीं है। उसने प्रायवेट पार्टियों से कर्ज ले रखा है। कर्ज लेकर ही वह सेंटिंग का काम कर रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि मंगलवार की रात बैरागढ़ कलां गांव के रहने वाले सेंटिंग ठेकेदार किशोर जाटव (40 वर्ष) ने उसकी पत्नी सीता जाटव (35 वर्ष), तीन बेटियों कंचन (15 वर्ष), अन्नू (10 वर्ष), पूरवा (8 वर्ष) और एक बेटे अभय (12 वर्ष) को जहर देकर खुद भी जहर पी लिया था। घटना की सूचना मिलने पर पांचों को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मामले की जांच की जा रही : एडिशनल डीसीपी

एडिशनल डीसीपी महावीर सिंह मुजालदे ने बताया कि खुदकुशी के पहले किशोर जाटव ने अपने भांजे को बुधवार सुबह 6 बजे फोन कर कहा- अलविदा…। इसके बाद फोन काट लिया। सुसाइड की वजह की जांच की जा रही है। तहसीलदार आदित्य जंगले ने किशोर जाटव के बयान लिए हैं। पूर्व में किशोर ने किसी तरह की प्रताड़ना की शिकायत पुलिस से की या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर लग रहा कि वह कर्ज से परेशान था।

आर्थिक तंगी के चलते एडवांस लेकर नहीं कर पाया काम

बताया जा रहा है कि ठेकेदार किशोर जाटव ने अपनीं जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी कर्जा ले लिया था, कर्जा लौटाने चक्कर में उसने अपनी क्षमता से दोगुने कॉन्ट्रैक्ट ले लिए थे, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पा रहा था। इससे वह काफी मानसिक दवाव में था। अंतत: परेशान होकर ठेकेदार ने अपने पूरे परिवार के साथ जहर खाकर आत्महत्या करने जैसा भयाभय कदम उठाया।

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