मध्य प्रदेश

सीडी पर सियासत : नरोत्तम बोले- गोविंद सिंह को सीडी किसने दी, नाम बताएं कमलनाथ

हनीट्रैप की सीडी पर कमलनाथ ने कहा था- गोविंद सिंह को सीडी बीजेपी वालों ने ही दी होगी

भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश की सियासत में सीडी पर छिड़ा संग्राम थम नहीं रहा है। बुधवार को कमलनाथ द्वारा दिए गए बयान को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगर कमलनाथ को पता है कि गोविंद सिंह को सीडी किसने दी, तो नाम क्यों नहीं बताते। वे सीएम जैसे संवैधानिक पद पर थे। उनको तत्काल सीडी एसआईटी को देना था। मीडिया के सामने लाते। न्यायालय को देना था। साक्ष्य छिपाया किसने? आपको अगर मालूम है कि किसने दी थी, तो आपने नाम उजागर क्यों नहीं किया? चलो आज कर दो, देर आए, दुरुस्त आए।

दरअसल, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने हफ्ते भर पहले उनके पास बीजेपी और आरएसएस के नेताओं की अश्लील सीडी होने का दावा किया था। जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से बुधवार को मीडिया द्वारा जब पूछा गया कि गोविंद सिंह के पास हनीट्रैप की सीडी कहां से आई? तो उन्होंने कहा था- इसका जवाब वे ही दे सकते हैं, उन्हें बीजेपी वालों ने सीडी दी होगी। गृहमंत्री ने कमलनाथ के इसी बयान पर सवाल किया है।

अपने विधायक की खुलकर मदद करना चाहिए…

वहीं, सरकारी जमीन अपनी बताकर बेचने के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद सुमावती के कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह ने बुधवार को गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। विधायक ने गृहमंत्री से कहा था- अब भाई का यूज करना आपका काम है। कमलनाथ ने इस मुलाकात पर कहा था- विधायक, गृहमंत्री को किस बात का धन्यवाद दे रहे हैं, ये वे जानें। बीजेपी के पास यही बचा है, केस लगाओ और दबाओ। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कमलनाथ जी जो भी ज्ञान दे रहे हैं, वे तथ्यों के अभाव में ज्ञान दे रहे हैं। 15 महीने उनकी सरकार रही थी, अगर झूठा केस था तो वापस क्यों नहीं कराया। केस आपके विधायक पर था। इस तरह से विषयांतर नहीं करना चाहिए, खुलकर मदद करना चाहिए। दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक को विशेष कोर्ट द्वारा दी गई दो साल की सजा पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी। साथ ही उनकी जमानत अर्जी भी स्वीकार कर ली है। लेकिन, इसी मामले में कोर्ट ने उनकी पत्नी शीला कुशवाह की जमानत याचिका निरस्त कर दी। ग्वालियर की विशेष कोर्ट ने अजब सिंह, उनकी पत्नी शीला कुशवाह और दोस्त कृष्ण गोपाल चौरसिया को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। विधायक ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी।

बिहार के मंत्री के बयान पर बोले- मैं इसे अच्छा नहीं मानता…

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- शिक्षा जोड़ने का काम करती है, लेकिन बिहार में इस बार अफरा-तफरी का माहौल है। पहली बार देखा है कि शिक्षा मंत्री ही तोड़ने का काम कर रहे हैं। धार्मिक ग्रंथ और चौपाई की गलत व्याख्या कर रहे हैं। ये ठीक नहीं है। ये बिहार की स्थिति का वर्णन कर रही है। जहरीली शराब से इतनी मौतों पर एक शब्द नहीं बोला, लेकिन समाज तोड़ने की बात आई, तो उठकर खड़े हो गए। मैं इसे अच्छा नहीं मानता। दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने बुधवार को मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। वे पटना के ज्ञान भवन में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि रामचरित मानस समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। चंद्रशेखर आरजेडी के विधायक हैं।

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