मध्य प्रदेश

खंडवा में महाशिवरात्रि पर दलितों को मंदिर में घुसने से रोका, पुलिस के दखल के बाद की पूजा

दलित पुलिस से बोले- पुजारी पर एट्रोसिटी एक्ट में दर्ज हो एफआईआर

खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में महाशिवरात्रि पर दलितों को शिव मंदिर में पूजा करने से रोकने की बात पर विवाद हो गया। पुजारी ने दलित समाज के लोगों को मंदिर में घुसने से रोक दिया और बाहर से ही पूजा करने को कहा। इस पर दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए और मंदिर पहुंचकर विवाद करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस के दखल के बाद दोनों पक्षों के बीच हुई मीटिंग के बाद दलितों को मंदिर में प्रवेश कराया गया और विवाद शांत हो गया।

यह मामला खंडवा जिले की भराड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैलवाड़ी गांव का है। बताया जाता है कि शनिवार सुबह 6 बजे गांव के कोटवार हुकुमचंद का बेटा सुमेश शिव जी का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंचा तो पुजारी जगराम पंवार ने उसे अंदर जाने से रोकते हुए उसे बाहर से ही पूजा करने को कहा। सुमेश बाहर से ही पूजा करके लौट गया। इसके बाद सुबह 9 बजे दलित समाज की कुछ लड़कियां भी  मंदिर पहुंचीं, तो पुजारी ने उन्हें भी बाहर रोक दिया। इस पर बिना पूजा किए लड़कियों ने घर आकर रोना शुरू कर दिया। लड़कियों की जिद थी कि वे मंदिर में जाकर ही पूजा करेंगी। इसके बाद परिवार वालों ने समाज के अन्य लोगों को बताया तो दलित समाज के लोग इकट्‌ठा होकर मंदिर पहुंच गए और पुजारी से विवाद करने लगे। इस पर सवर्ण समाज के अन्य लोग वहां इकट्‌ठा हो गए और दोनों पक्षों में विवाद बढ़ने लगा। इसी बीच विवाद की सूचना पुलिस को भी किसी ने दे दी। जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्ष के लोगों को समझाया। दोनों पक्षों की मीटिंग के बाद पुलिस ने दलित समाज के युवक से जलाभिषेक कराया। इसके बाद मामला शांत हो गया।

यह कहना था पुजारी का…

पुजारी जगराम पंवार ने पुलिस को बताया कि दलित समाज अभी तक शिव मंदिर के बाहर ही पूजा करते आया है। सालों से यही परम्परा चली आ रही है। उन्होंने अपनी ओर से कभी मंदिर के अंदर आकर पूजा करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। मंदिर के निर्माण में भी उन्होंने चंदा नहीं दिया है। अब अचानक वे मंदिर में घुसेंगे, तो परमिशन तो लेना पड़ेगी। हम लोग गांव की पंचायत बैठाकर फैसला लेंगे। पंचायत के निर्णय का पालन किया जाएगा।

मंदिर पक्ष का निर्णय: अब दलित भी अंदर जाकर  कर सकेंगे पूजा

मंदिर पक्ष ने कहा कि अब मंदिर में दलित समाज भी दर्शन व पूजा-पाठ कर सकेंगे। अभी तक दलित समाज ने इस तरह का प्रस्ताव नहीं रखा था, अब यदि वे मंदिर में जाकर पूजा करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। इधर, दलित पक्ष का कहना है कि, फिलहाल हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। रविवार को समाज से जुड़े भीम आर्मी और जयस के पदाधिकारी आएंगे। वे जैसा कहेंगे, उनके मार्गदर्शन अनुसार वैसा करेंगे।

पं. प्रदीप मिश्रा से प्रभावित होकर शिव की पूजा करना चाहते हैं समाज के लोग

दलित समाज के लोगों ने पुलिस से कहा कि हम पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित हैं। अब नई पीढ़ी के बच्चे पंडित मिश्रा से प्रभावित होकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि पर उनकी इच्छा थी कि शिव मंदिर के भीतर जाकर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएंगे, लेकिन बंजारा समाज को दलित समाज की पूजा पर आपत्ति है। हमारी मांग है कि मंदिर के पुजारी पर एट्रोसिटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की जाए। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने थाने का घेराव करने की चेतावनी भी दी थी।

सरकारी जमीन पर सरकारी फंड से बनाया गया है मंदिर

भराड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैलवाड़ी की आबादी एक हजार के करीब है। दलित (बलाई) समाज के लोगों का दावा है कि बलाई समाज की जमीन पर सरकारी फंड से मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर सार्वजनिक है। इसके बावजूद दलित समाज को ही अंदर घुसने नहीं दिया जाता है। किसी बड़े त्योहार पर दलित समाज के लिए बाहर अलग से व्यवस्था की जाती है, जो गलत है। चाहे गरीब-अमीर हो या दलित-सवर्ण भगवान तो सबके हैं।

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