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शहीद उधम सिंह की पिस्टल भारत वापस लाने के लिए कैप्टन करेंगे विदेश मंत्रालय से बात …

अमृतसर। भारत की आन-बान और शान शहीद उधम सिंह के 82वें शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अस्थियां 40 साल के व्यापक प्रयासों के बाद स्वदेश लाई जा सकीं हैं। उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह भारत के सबसे बड़े क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने विपरित परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य को पूरा किया। वे अकेले ऐसे महान क्रांतिकारी थी जो विदेशी धरती पर जाकर अपने दुश्मन को धूल चटा दी और जालियावाला बाग हत्याकांड का बदला लिया। इतिहास में ऐसे किसी भी महापुरुष का उल्लेख नहीं मिलता है जिन्होंने ऐसा कोई साहसिक कदम उठाया हो। उन्होंने अपने समुदाय के साथ ही भारतवर्ष का नाम विश्व पटल पर सवर्ण अक्षरों से लिखा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही केंद्रीय विदेश मंत्रालय के सामने यूनाइटेड किंगडम से शहीद उधम सिंह की पिस्टल और डायरी को लाने का मुद्दा उठाएगी।

शहीद ऊधम सिंह के 82वें शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि शहीदों की अस्थियां 40 साल के व्यापक प्रयासों के बाद भारत वापस की गईं।

उन्होंने कहा कि फिलहाल शहीद उधम सिंह की पिस्तौल स्कॉटलैंड में है जिससे उन्होंने पंजाब के तत्कालीन उपराज्यपाल माइकल ओ डायर की हत्या की थी और डायरी भी वहीं कहीं है।

अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि भारत सरकार को इस मामले को ब्रिटिश उच्चायोग के साथ उठाना चाहिए ताकि इन्हें वापस लाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलियांवाला बाग, हुसैनीवाला और अब नवनिर्मित शहीद उधम सिंह जैसे कई स्मारक हैं।

जल्द ही स्वतंत्रता संग्राम के कई अज्ञात नायकों की याद में एक और स्मारक बनाया जाएगा ताकि मिट्टी के इन सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे स्मारक हमें हमेशा हमारी वीरता की गौरवशाली विरासत की याद दिलाते हैं और युवाओं में देशभक्ति की भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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