लेखक की कलम से

वादा …

वादा परवाह को दिखलाता है ,,

वादा हमको उनके पास लाता है,,

वादा प्यार का एहेसास दिलाता है,,

कभी किया था उसने हमसे

एक वादा,,

ना जाएंगे तुझे कभी छोड़ कर ,,

तोड़ दिया वो वादा किसी वादे को जोड़कर ,,

वादो से महोबत्त नहीं होती , ,

हो जहां महोबत्त ,,

वहां वादों की जरूरत नहीं होती।।

 

©प्रज्ञा शिवहरे, शिवपुरी, मध्यप्रदेश

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