मध्य प्रदेश

महिला कैदियों ने मनाया रूप चौदस पर्व, क्रोध रूपी नरकासुर के वध का लिया संकल्प ….

भोपाल। राजधानी की सेंट्रल जेल में दीपावली के एक दिन पहले महिला कैदियों ने रूप चौदस का त्यौहार अनोखे तरीके से मनाया गया। इसमें महिला कैदियों को अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु मानवसेवी कृष्णा मिश्रा ने क्रोध, लोभ, अहंकार रूपी नरकासुर के वध का संकल्प दिलाया।

सेंट्रल जेल में रविवार को इंदौर से विशेष रूप से आए कृष्णा मिश्रा के सानिध्य में रूप चौदस उत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। कृष्णा मिश्रा ने बताया कि हमारी संस्कृति में सभी त्योहारों को उनकी रीति रिवाज के साथ मानवसेवा से जोड़ा गया है। आज का दिन रूप चौदस हम महिला कैदियों के साथ मनाते हैं।

इसमें उन्हें संदेश देते हैं कि नरकासुर आज भी जीवित है, जिसके कारण आज आप कारावास में हैं। नरकासुर कलयुग में काम, क्रोध, लोभ, ईष्र्या और अहंकार के रूप में जीवित है। सभी 182 महिला कैदियों को अपनी संकल्प शक्ति से कलयुगी नरकासुर का वध करने का संकल्प दिलवाया गया।

इस अवसर पर कृष्णा ने कहा कि जिस प्रकार नरकासुर से मुक्त होने के बाद सभी कैद में रही राज कुमारियां सज-धजकर कृष्ण से मिलने जाती हैं, उसी प्रकार नरकासुर से संकल्प शक्ति मुक्त होने के बाद सभी महिला कैदियों में सौंदर्य सामग्री वितरित की गई।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो से लगातार रूप चौदस पर कार्यक्रम महिला बंदियों के साथ किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम केंद्रीय जेल उज्जैन, इंदौर के बाद इस वर्ष भोपाल में रखा गया।

कार्यक्रम में जेल अधीक्षक मनोज साहू, सरोज और जेल विभाग के अन्य कर्मचारी व अधिकारी उपिस्थित थे। इस अवसर पर अंजना मिश्रा द्वारा दी गई कृष्ण भजन की शानदार प्रस्तुति ने कार्यक्रम को कृष्णमय कर दिया। जेलर सरोज ने भी देवीजी का कर्णप्रिय भजन सुनाकर सभी को चौंका दिया। इंदौर से कृष्णा के साथ भारती मंडलोई, आकाश नागर, पिंकू यादव भी आए थे। कार्यक्रम में महिला बंदियों में भारी उत्साह देखा गया। सभी ने अपना बचा जीवन विकार मुक्त प्रेम से रहने का कृष्णा से वादा किया।

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