मध्य प्रदेश

दूसरे के साथ चली गई थी पत्नी, बच्चों से मिलने के लिए जेल से भागा था कैदी

शर्ट पहने दीवार फांदी, बनियान में दौड़ लगाई और जैकेट पहने 21 घंटे में पकड़ा गया कैदी

भोपाल/खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की बड़वाह उप जेल से 21 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हुए बंदी को आखिरकार जेलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद 21 घंटे के अंदर ही रामकुल्ला क्षेत्र में एक मंदिर की गुफा से ढूंढ़ निकाला। आबकारी अधिनियम के तहत 14 अक्टूबर से जेल में बंद संजू उर्फ संजय पिता गोविंद मानकर (27 वर्ष) के जेल से भागने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ था। अब उसके पकड़ाने के बाद जेल कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।

पकड़े जाने के बाद जेल कर्मचारियों को उसने बताया कि उसे एक दिन पहले मुलाकात के दौरान यह जानकारी मिली थी कि उसकी पत्नी कुछ दिन पहले उसके दो बच्चों को छोड़कर किसी और के साथ भाग गई है। इस कारण अपने बच्चों से मिलने की चाह में वह 21 फीट की दीवार कूदकर उनसे मिलने चला गया था। लेकिन वह बच्चों से मिल पाता, उसके पहले ही वह एक बार फिर से सलाखों के पीछे जा पहुंचा।

सहायक जेल अधीक्षक युवराज मुवैल ने बताया कि बंदी संजू के जंगल की ओर भागने की सूचना पर पुलिस एवं जेलकर्मियों ने जंगल के अंदर के रास्तों के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेकर लगातार सर्चिंग आपरेशन चलाया। रातभर टीमें फरार बंदी संजय को उसके ग्राम खेड़ीटांडा एवं भागने वाले रूट पर तलाश करती रहीं। दिन में सिद्धवरकूट मार्ग स्थित चौड़ापाठ पर दिखने के बाद वह शाम के समय भी रामकुल्ला क्षेत्र में ही दिखाई दिया था। इसके चलते पुलिस ने उस इलाके में अपनी छानबीन और तेज कर दी। उन्होंने बताया कि अंधेरा होने के बाद पुलिस एवं जेलकर्मियों को शक था कि यदि उसने जंगल को पार कर लिया तो फिर उसे ढूंढ़ना और अधिक मुश्किल हो जाएगा। इसके चलते रात होने के बावजूद टीमों ने हार नहीं मानी।

सहायक जेल अधीक्षक के अनुसार संभावित क्षेत्र में रात को ढूंढने के साथ ही अलग-अलग टीमों ने इलाके को घेर रखा था। सुबह उजाला होने पर 7 बजे के लगभग वह जेलकर्मियों एवं स्थानीय लोगों को रामुकल्ला में शिव मंदिर के पास दिखाई दिया। टीम को देख वह छिपने का प्रयास करने के साथ भागने लगा, तभी जेलकर्मियों ने भी दौड़ लगाकर उसे पकड़ लिया।  उन्होंने बताया कि फरार बंदी संजय को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ ही हमारी टीम ने दिन के साथ ही रातभर सर्चिंग अभियान चलाया और अलसुबह सात बजे के आसपास हमारी टीम ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।

उप जेल से कैदी के इस तरह आसानी से भागने के बाद जेलकर्मियों पर लापरवाही के सवाल उठ रहे थे। इसके चलते जेल में कार्यरत पूरे अमले ने उसे पकड़ने के लिए खासी मशक्कत की। पुलिस ने भी उसे पकड़ने के लिए तुरंत टीमें सर्चिंग के लिए लगाई गईं। शाम होते-होते निराशा हाथ लगने के बाद जांच टीमों ने उन खास स्थानीय लोगों की मदद ली, जिन्हें जंगल के साथ ही इलाके के हर रास्ते की जानकारी हो। आखिर 21 घंटे बाद शुक्रवार सुबह 7 बजे उसे पकड़ने में कामयाबी मिल गई।

शर्ट पहने दीवार फांदी, बनियान में दौड़ लगाई और जैकेट पहने पकड़ाया

जानकारी अनुसार कैदी जब जेल से फरार हुआ था तब वह शर्ट पहना हुआ था। इसके बाद दोपहर में उसे सिद्धवरकुट मार्ग पर चोड़ा पाठ के पास देखा गया था। पुलिस को देख वह शर्ट छोड़कर बनियान में ही भाग निकला था। इसके बाद उसका शर्ट भी बरामद कर लिया गया था, लेकिन जब वह जेलकर्मियों को सुबह सात बजे दिखा तो वह ना सिर्फ शर्ट पहने था, बल्कि शर्ट के ऊपर जैकेट भी पहने था। जांच टीम इस बिंदु पर भी काम कर रही है कि यह शर्ट और जैकेट उसे कहां से उपलब्ध हुई है।

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