बिलासपुरछत्तीसगढ़

प्रदेश का पहला प्लेनेटोरियम, दूसरा सबसे बड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल और कई सुविधाएं मिलेंगी जिले को ….

बिलासपुर । इस साल यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन समेत तमाम क्षेत्र में बड़ी क्रांति होगी। समय की किताब में 2022 का साल बिलासपुर के लिए विकास, सुविधाओं और बेहतरी की नई इबारत लिखेगा। कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट हैं जो पूरे हो चुके हैं या पूरे होने की कगार में हैं। इनकी सुविधाएं इसी साल से शहर को मिलने लगेगी। आइए…जानते हैं कि 2022 अपने साथ बिलासपुर के लिए क्या-क्या सौगात लेकर आया है…

अंतरिक्ष का अहसास कराने वाला, सौरमंडल की जानकारी देने वाला और शिक्षा व मनोरंजन देने वाला तारामंडल यानि प्लेनेटोरियम इस साल बिलासपुर में शुरू हो जाएगा। यह प्रदेश का पहला तारामंडल है। व्यापार विहार स्थित ऑक्सीजोन में 7 करोड़ की लागत से प्लेनेटोरियम का कार्य लगभग पूरा हो गया है। 4 एकड़ क्षेत्र में 200 की दर्शक क्षमता वाला यह प्लेनेटोरियम होगा। यहां ऑक्सीजोन के साथ ही पार्किंग स्थल ओपन गार्डन, हाल, लेक्चर हाल बना है। प्लेनेटोरियम का निर्माण बड़े शहरों की तर्ज पर किया जा रहा है। इससे यहां के बच्चों, युवाओं को खगोल शास्त्र का बेहतर ज्ञान होगा।

200 करोड़ रुपए की लागत से कोनी में छत्तीसगढ़ का दूसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनकर तैयार है। नए साल में यह सर्वसुविधायुक्त हॉस्पिटल शुरू हो जाएगा। 44.58 एकड़ में बन रहे अस्पताल में राज्य कैंसर यूनिट, ट्रामा यूनिट, बर्न सेंटर, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नवीन सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। दिसंबर 2018 से बन रहे अस्पताल में 51 फीसदी निर्माण पूरे हो चुके हैं। बचे 49 फीसदी काम इस वर्ष पूरे होने की संभावना है। यूं तो अस्पताल को फरवरी 2020 तक पूरा करना था, लेकिन कोरोना महामारी में यह प्रोजेक्ट लेट हो गया। लेकिन अफसरों का दावा है कि 11 मंजिल के इस अस्पताल का निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसके शुरू होने से बिलासपुर सहित पूरे प्रदेश के लोगों को सरकारी दर पर बेहतर इलाज मिलेगा।

मल्टीलेवल पार्किंग के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 13 करोड़ 99 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। ठेका रायपुर की कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। इसी कंपनी ने रायपुर में भी मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया है। प्रोजेक्ट के तहत बेसमेंट , ग्राउंड फ्लोर , दो मंजिल और छत पर पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। गाड़ी पार्क कर बाहर जाने के लिए दो लिफ्ट और दो सीढ़ियों की सुविधा रहेगी। पार्किंग के लिए बनाए जा रहे इस भवन में 250 कार और 250 बाइक खड़ी की जा सकेंगी। इन वाहनों की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। साल 2022 में पूरा होने की उम्मीद है।

बिलासपुर को राजधानी रायपुर से जोड़ने वाला तिफरा फ्लाई ओवर का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके शुरू होने के बाद शहरवासियों को आवागमन में दिक्कतें नहीं होंगी। शहर में बढ़ते यातायात दबाव से मुक्ति दिलाने के लिए तिफरा में फ्लाईओवर निर्माण के लिए 2017 में करीब 65 करोड़ रुपए की लागत से काम शुरू किया गया था। जिसे मार्च 2019 में पूरा हो जाना था। निर्धारित समय में पूरा नहीं हो सका यह ब्रिज इस साल पूरा होगा। इसके बनने के साथ ही रायपुर-बिलासपुर का आवागमन बहुत आसान हो जाएगा। साथ ही शहर में एंट्री के समय लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।

अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी की नई बिल्डिंग 68.76 एकड़ भूमि में 30 करोड़ रुपए में बनाई गई है। यहां एकेडमिक ब्लॉक ग्राउंड से 4 फ्लोर हैं। साथ ही एप्रोच रोड और बाउंड्री शामिल है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद इसका टेंडर जारी कर दिया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी की स्थापना 2012 में बिलासपुर यूनिवर्सिटी के रूप में हुई थी। बाद में यूनिवर्सिटी का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम किया गया। कई डिपार्टमेंट, लैब और दूसरी सुविधाओं वाली इस इमारत में यूनिवर्सिटी का कामकाज इस साल शुरू होगा

बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट में फ्लाइट कम्युनिकेशन के लिए उपकरण की कमी है। जिसे दूर करने टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जा रही है। यहां शुरुआती दिनों से ही आईएलएल (इंस्ट्रुमेंट लैडिंग सिस्टम) और आईएफआर (इंस्ट्रुमेंट फ्लाइट रूल) जैसे उपकरण नहीं है। नेविगेशन और लैंडिंग के लिए डीवीओआर यानी डोप्लर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओम्नी रेंज और एचपीडीएमई यानी हाई पॉवर डिस्टेंस मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट की जरूरत है। जिसके लिए केन्द्र सरकार ने पहले ही 53 करोड़ रूपए स्वीकृत की है। बिलासा एयरपोर्ट का 3 सी से 4 सी कैटेगरी के तहत उन्नयन किया जाना है। उम्मीद है नए साल में यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा मिलेंगी। अभी यहां दिल्ली और प्रयागराज के लिए एक-एक फ्लाइट है। नयी सुविधाओं के बाद फ्लाइट की संख्या बढ़ेगी।

गजरा चौक से आरएमएस तक निर्माणाधीन ब्रिज में चढ़ने व उतरने के लिए सीढ़ी और एप्रोच रोड के काम चल रहा है। रेलवे यह सौगात नए साल में देने की तैयारी कर रहा है। काम की गति को देखकर माना जा सकता है कि जल्द ही इसकी सुविधा लोगों को मिल जाएगी। निर्माणाधीन यह ब्रिज रेलवे स्टेशन के सिरगिट्टी इलाके में रहने वाले और रेलकर्मी, आम नागरिक और खासकर छात्रों के लिए बड़ी सुविधा मिलेगी।

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